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वीरता की मिसाल बनी यूपी पुलिस
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता । स्वतंत्रता दिवस 2025 पर घोषित वीरता और पुलिस सेवा पदकों की सूची में उत्तर प्रदेश पुलिस ने इतिहास रच दिया है। इस वर्ष घोषित 17 गैलेंट्री मेडल के साथ यूपी पूरे देश के राज्यों में पहले स्थान पर रहा है। वीरता, निष्ठा और संगठित अपराध के खिलाफ अदम्य साहस ने यूपी पुलिस को राष्ट्रीय स्तर पर गौरव दिलाया है।
जांबाजों की लिस्ट, वीरता की दास्तान
सम्मान पाने वालों में डीएसपी डी.के. शाही, दीपक सिंह, इंस्पेक्टर मुनीश प्रताप सिंह चौहान, हेमंत भूषण सिंह समेत सब-इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल हैं। यह पदक केवल एक सम्मान नहीं बल्कि उन अनगिनत रातों और जोखिमभरे अभियानों की पहचान है, जिनमें इन जांबाजों ने अपराधियों से आमने-सामने मुकाबला किया।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट" अजय कुमार साहनी को तीसरा राष्ट्रपति पदक
इस सूची का सबसे बड़ा नाम है आईपीएस अजय कुमार साहनी। 2009 बैच के यूपी कैडर के इस अधिकारी ने अब तक 52 से अधिक मुठभेड़ों का नेतृत्व किया है। मेरठ (2020) में बेहद कठिन हालात में कुख्यात अपराधियों से भिड़ने पर उन्हें इस बार राष्ट्रपति वीरता पदक मिला है। यह उनके करियर का तीसरा राष्ट्रपति पदक है।मेरठ-दिल्ली हाइवे पर चलाई गई उस मुठभेड़ का जिक्र आज भी होता है, जिसमें साहनी पर गोली सीने की ओर आई, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उनकी अगुवाई में गैंगस्टर चांद उर्फ काले ढेर कर दिया गया और घायल पुलिसकर्मियों को भी बाद में वीरता पदक मिला।
क्यों अव्वल रहा यूपी
विशेषज्ञों के अनुसार यूपी पुलिस की यह उपलब्धि किसी संयोग की देन नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में—
एंटी-माफिया ड्राइव से बड़े गिरोहों पर नकेल
एसटीएफ और विशेष इकाइयों को हाई-रिस्क मिशन
बेहतर खुफिया नेटवर्क और त्वरित कार्रवाई
लेंट्री मेडल में लगातार ऊपर पहुंचाया
इन रणनीतियों ने यूपी को गैलेंट्री मेडल में लगातार ऊपर पहुंचाया। वर्ष 2023 में जहां यूपी को 12 मेडल मिले थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 17 हो गई। और अब 2025 में भी 17 गैलेंट्री मेडल (राज्यों में नंबर-1) के साथ यूपी ने अपनी लय बरकरार रखी।इस वर्ष पूरे देश में 1090 पुलिसकर्मियों को गैलेंट्री और सर्विस मेडल मिले। इनमें 233 गैलेंट्री मेडल शामिल हैं। यूनियन टेरिटरी जम्मू-कश्मीर ने 127 मेडल हासिल कर सबसे ऊपर रहा, जबकि राज्यों में यूपी ने बाजी मारी।
गैलेंट्री मेडल क्यों खास?
गैलेंट्री मेडल सिर्फ एक धातु का टुकड़ा नहीं, बल्कि उस विश्वास का प्रतीक है जो जनता और पुलिस के बीच सेतु बनाता है। जब कोई जवान जान की बाज़ी लगाकर अपराधी से भिड़ता है और देश उसका साहस स्वीकार करता है—तो यह मेडल न केवल उसकी बल्कि पूरी पुलिस फोर्स की जीत बन जाता है।
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