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लखनऊ में पैरा डांस का सुनहरा जलवा, स्वर्ण पदक विजेताओं ने जीता दर्शकों का दिल

डाउन सिंड्रोम श्रेणी में वरीक्षा, बिजेश केशवानी, दिव्यांश शुक्ला, सिमर सचदेव, सचिन मिगलानी, राहुल विश्वकर्मा, यशी, रिंकी, अभय और बाजिल परवेज ने अपनी लय, अभिव्यक्ति और ऊर्जा से सभी को चौंकाते हुए स्वर्ण पदक जीते।

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Deepak Yadav
Para Dance Sports Championship

पैरा डांस स्पोर्ट्स चैंपियनशिप Photograph: (YBN)

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  • गोल्डन मूव्स: वरीक्षा से मो. आमिर तक, स्वर्ण पदक विजेताओं ने रचा इतिहास


लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लुलु मॉल के चमचमाते मंच पर बुधवार को प्रथम लखनऊ जिला पैरा डांस स्पोर्ट्स चैंपियनशिप का माहौल पूरी तरह जोश और उमंग से भर गया। लखनऊ जिला डांस स्पोर्ट्स एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित चैंपियनशिप में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच 50 से अधिक दिव्यांग डांसर्स ने अपने बेहतरीन मूव्स से न केवल जजों का, बल्कि सभी का दिल जीत लिया।

दिव्यांगजन समाज की अमूल्य धरोहर

दिव्यांगजनों को खेल और कला के जरिए आत्मविश्वास, रचनात्मकता और सामाजिक भागीदारी का मंच देने के उद्देश्य के साथ आयोजित चैंपियनशिप में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य अनूप गुप्ता ने दीप प्रज्वलन कर प्रतियोगिता का आगाज किया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन समाज की अमूल्य धरोहर हैं, उनकी प्रतिभा को मंच देना हमारी जिम्मेदारी है।

एकल वर्ग में दमदार प्रदर्शन

डाउन सिंड्रोम श्रेणी में वरीक्षा, बिजेश केशवानी, दिव्यांश शुक्ला, सिमर सचदेव, सचिन मिगलानी, राहुल विश्वकर्मा, यशी, रिंकी, अभय और बाजिल परवेज ने अपनी लय, अभिव्यक्ति और ऊर्जा से सभी को चौंकाते हुए स्वर्ण पदक जीते। शारीरिक विकलांगता एवं डाउन सिंड्रोम श्रेणी में अदिति विश्वकर्मा ने सुनहरा तमगा अपने नाम किया, जबकि शारीरिक विकलांगता वर्ग में मो. आमिर ने अपने बेहतरीन नियंत्रण और मंच उपस्थिति से गोल्ड हासिल किया।

युगल वर्ग में शानदार जुगलबंदी

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युगल वर्ग में वैष्णवी-कमल, राधा-राघवेन्द्र, सिवांश-अभिनव, अहान-राहुल, गुनगुन-वर्षा और निशी-शिखर की जोड़ियों ने तालमेल और क्रिएटिविटी का शानदार मिश्रण दिखाते हुए स्वर्ण पदक जीते।

तिकड़ी और ग्रुप में टीमवर्क की मिसाल

तिकड़ी वर्ग में वैष्णवी, बाजिल परवेज और मैथ्यूज की तिकड़ी ने अपनी हार्मनी और समन्वय से दर्शकों को खड़े होकर तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। ग्रुप वर्ग में चेतना वाणी प्रदा स्कूल (सुनने की अक्षमता), चेतना संस्थान फार इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी (डाउन सिंड्रोम) और सेंट फारसेंस स्कूल (मिश्रण श्रेणी-सुनने की अक्षमता) की टीमों ने बेहतरीन टीमवर्क के दम पर गोल्ड अपने नाम किया।

 विजेताओं को मिला सम्मान

राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन अधिकार डॉ. हिमांशु शेखर झा ने विजेताओं को मेडल और प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता दिव्यांगजनों की असीम क्षमताओं का प्रमाण है। हमें ऐसे मंच लगातार तैयार करने चाहिए।

समान अवसर ही सच्चा सशक्तीकरण

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इग्नू निदेशक डॉ. कीर्ति विक्रम सिंह ने कहा कि दिव्यांगजनों को शिक्षा, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में समान अवसर देना ही सच्चा सशक्तीकरण है। आज की प्रस्तुतियों ने यह दिखाया कि समर्पण और परिश्रम से हर बाधा को पार किया जा सकता है।

भविष्य में होंगे और आयोजन

डांस स्पोर्ट्स एसोसिएशन ऑफ लखनऊ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी केबी पंत ने आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि आने वाले समय में ऐसे और भी आयोजन होंगे, जिससे उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा का अवसर मिल सके।

प्रतिभा किसी सीमा को नहीं मानती

एसोसिएशन के अध्यक्ष सदन यादव के अनुसार, यह सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं था, बल्कि एक संदेश था कि “प्रतिभा किसी सीमा को नहीं मानती। इस अवसर पर कमल जोशी (सचिव, बैटल स्पोर्ट्स डांस एसोसिएशन ऑफ यूपी), दुर्गेश त्रिपाठी (राष्ट्रीय अध्यक्ष, युवा विभाग एकल अभियान), अखिलेश कुमार (अध्यक्ष, सवेरा इंस्टीट्यूट ऑफ़ रिहैबिलिटेशन), पंकज सिंह (मीडिया एक्सपर्ट) एवं दिनेश सिंह (सामाजिक कार्यकर्ता) भी मौजूद रहे।

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