लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने पर्यावरण संरक्षण और वनीकरण के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान रचा है। उत्तर प्रदेश ने क्षतिपूरक वनीकरण निधि (कैम्पा) के उपयोग से वर्ष 2024-25 में देश में सर्वाधिक क्षतिपूरक वनीकरण किया है। यूपी कैम्पा निधि से लक्ष्य के सापेक्ष 32,933 हेक्टेयर लगभग 86 प्रतिशत क्षतिपूरक वनीकरण का कार्य किया है। इसमें शिवालिक वन प्रभाग, काशी वन्यजीव और वाराणसी वन प्रभाग के वनीकरण का विशेष योगदान है।
साथ ही कैम्पा फंड से राज्य के पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। इसके तहत महाराजगंज में जटायु प्रजनन केंद्र का निर्माण, जल शोधन, मृदा संरक्षण, पेट्रोलिंग चौकियों और वाहनों की व्यवस्था जैसे उल्लेखनीय कार्य किये हैं।
कैम्पा फंड से यूपी ने सर्वाधिक वनीकरण का प्राप्त किया लक्ष्य
सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में वन एवं वन्य जीव विभाग ने कैम्पा फंड का प्रबंधन और उपयोग कर वर्ष 2024-25 में सर्वाधिक क्षतिपूरक वनीकरण का कार्य किया है। वन एवं वन्य जीव विभाग के संबंधित अधिकारियों ने बताया कि यूपी में अब तक 47,635 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरित की गई है। जिसमें से 38,092 हेक्टेयर के लिए क्षतिपूरक वनीकरण का लक्ष्य रखा गया था।
विभाग ने 31 मार्च 2025 तक 32,933.97 हेक्टेयर पर वनीकरण कार्य कर लिया है, जो लक्ष्य का लगभग 86 प्रतिशत है। ये क्षतिपूरक वनीकरण में देश में सर्वाधिक उपलब्धि है। अवशेष 3,261 हेक्टेयर पर वनीकरण कार्य जल्द ही पूरा किया जाएगा। इस उपलब्धि को प्राप्त करने में शिवालिक वन प्रभाग, काशी वन्यजीव प्रभाग, और वाराणसी वन प्रभाग ने विशेष योगदान दिया है।
कैम्पा फंड से वन एवं वन संरक्षण क्षेत्र में किए गए कई कार्य
कैम्पा निधि का प्रबंधन और उपयोग प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि अधिनियम 2016 और 2018 के तहत किया जाता है। प्रदेश के वन एवं वन्य जीव विभाग ने वर्ष 2024-24 के कैम्पा फंड का उपयोग कर महाराजगंज के कैपियरगंज रेंज में जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र सितंबर 2024 में स्थापित किया गया है। ये संकटग्रस्त एशियाई गिद्धों के संरक्षण के लिए विश्व में ऐसा पहला प्रजनन केंद्र है।
साथ ही वर्ष 2025-26 के लिए राज्य ने क्षतिपूरक वनीकरण के लिए 1896 हेक्टेयर का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके अलावा कैम्पा फंड का उपयोग जलग्रहण शोधन क्षेत्र, मृदा संरक्षण, फ्रंटलाइन कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए आवास, पेट्रोलिंग चौकियों और वाहनों की व्यवस्था, हाईटेक नर्सरी, सोलर वाटर पंप, वन सुरक्षा, वन्यजीव प्रबंधन, और रेस्क्यू सेंटर की स्थापना जैसे कार्यों में किया है। जो पर्यावरण और वन्य जीव संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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