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फाइलेरिया मरीजों को अब सीएचओ देंगे एमएमडीपी किट Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। फाइलेरिया मरीजों को रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता रोकथाम (एमएमडीपी) किट अब कम्युनिटी हेल्थ अफसर (सीएचओ) के माध्यम से ही दी जाएगी। सीएचओ हर मरीज को किट के प्रशिक्षण का तरीका सिखाएंगे। उसके बाद किट मरीज के हवाले की जाएगी। शनिवार को प्रदेश के 51 जनपदों के जिला मलेरिया अधिकारियों (डीएमओ) को एमएमडीपी के बारे में वर्चुअल प्रशिक्षण दिया गया। राज्य फाइलेरिया अधिकारी डॉ. एके चौधरी ने सभी डीएमओ को चेताया कि एमएमडीपी किट बिना प्रशिक्षण के मरीज को बिल्कुल न दें। किट वितरण में सीएचओ की मदद लें। बिना प्रशिक्षण के किट बांटने से किट का सदुपयोग नहीं होगा।
10 अगस्त से एमडीए अभियान
उन्होंने बताया कि प्रदेश से वर्ष 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन के लिए प्रयास निरंतर जारी हैं। ट्रांसमिशन असेसमेंट सर्वे (टास) और नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) हो चुका है। एनबीएस के रिजल्ट के आधार पर जनपदों में ब्लॉक तय होंगे, जहां 10 अगस्त से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान चलाया जाएगा।
फाइलेरिया की नई गाइडलाइन की दी जानकरी
वर्चुअल कार्यशाल में सभी को फाइलेरिया की नई गाइडलाइन की जानकारी दी गई और उसके अनुसार काम करने के लिए निर्देशित किया गया। जिन प्लानिंग यूनिट्स में एनबीएस या प्री टास पास होने के बाद एमडीए बंद हो गया है, वहां पर एमएमडीपी सर्विसेज और सर्विलांस एक्टिविटी को सुदृढ़ करने के लिए यह कार्यशाला आयोजित की गई थी। इस कार्यशाला में एमएमडीपी किट की क्वालिटी और प्रशिक्षण पर विशेष जोर दिया गया।
हाइड्रोसिल के मरीजों का कराएं ऑपरेशन
राज्य फाइलेरिया अधिकारी डॉ एके चौधरी ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सभी चिंहित हाइड्रोसील रोगियों का ऑपरेशन आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के अंतर्गत निःशुल्क हो रहा है। जनपद के अधिकारी ऐसे सभी मरीजों का आपरेशन सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में कराएं और बैकलॉग न बनने दें।
बैकलॉग खत्म करें, डीएमओ को सख्त निर्देश
डॉ. चौधरी ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना में हाइड्रोसिल (पैकेज कोड एसजी 056) को भी शामिल किया गया है। इसके बावजूद कई जनपदों में हाइड्रोसिल मरीजों के ऑपरेशन का बैकलॉग देखा जा रहा है। उन्होंने सभी डीएमओ को निर्देशित किया कि आयुष्मान योजना का लाभ उठाएं और अपने जिले के अधिक से अधिक हाइड्रोसिल मरीजों का ऑपरेशन कराएं। इस बाबत उन्होंने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को पत्र भी लिखा है।
क्या है एमएमडीपी किट
एमएमडीपी किट में टब, तौलिया, साबुन, क्रीम, लोशन विशेष प्रकार की चप्पल जैसे कई महत्वपूर्ण सामग्री दी जाती है जिससे फाइलेरिया पीड़ित मरीज खुद को स्वच्छ रख अपना बचाव कर सकें। यह किट हाथीपांव से पीड़ित मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होती है क्योंकि इस किट में मौजूद चीजों के इस्तेमाल से हाथीपांव से पीड़ित मरीजों को राहत मिलती है।
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