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फाइलेरिया की रोकथाम के लिए रात्रि चौपाल Photograph: (YBN)
- नुक्कड़ नाटक, एमडीए यात्रा से लोगों को किया जा रहा जागरूक
- सीएचओ-रोगी हितधारक मंच के सदस्य निभा रहे सक्रिय भूमिका
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।फाइलेरिया उन्मूलन के लिए प्रदेश के 27 जिलों में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान चल रहा है। दवाएं शत-प्रतिशत लोग खा लें, इसको सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। कानपुर, रायबरेली समेत कई जिलों में प्रधान रात्रि चौपाल के माध्यम से ग्रामीणों को फाइलेरिया के बारे में जागरूक कर रहे हैं। युवाओं को जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटक का सहारा लिया जा रहा है। इसके अलावा एमडीए यात्रा निकाली जा रही है। राज्य फाइलेरिया अधिकारी डॉ. एके चौधरी ने इन माध्यमों के जरिए लोगों को जागरूक करने की पहल को सराहनीय बताया और उम्मीद जताई कि इस एमडीए में शत-प्रतिशत लोगों को दवा खिलाने में सफलता मिलेगी।
फाइलेरिया की रोकथाम के लिए रात्रि चौपाल
एमडीए के बारे में लोगों को जागरूक करने में सीएचओ-रोगी हितधारक मंच (पीएसपी) बहुत अहम भूमिका निभा रहे हैं। सबसे पहले बात रात्रि चौपाल की। कानपुर के बिधनु ब्लाक के मटियारा गांव में पीएसपी सदस्य प्रधान राहुल चौबे व फाइलेरिया रोगी राकेश कई दिन से रात्रि चौपाल लगाकर ग्रामीणों को वीडियो के माध्यम से फाइलेरिया के बारे में बता रहे हैं। हर ग्रामीण को दवा खानी क्यों जरूरी है…नहीं खाएंगे तो क्या समस्या हो सकती है, इस तरह की जानकारी दी जा रही है। सरसौल ब्लाक के तिलशहरी बुजुर्ग गांव में सीएचओ आशीष लोगों की भ्रांतियां दूर करने का काम कर रहे हैं। घाटमपुर आयुष्मान आरोग्य मंदिर में पीएसपी सदस्य प्रधान जयनारायण सिंह, पंचायत सहायक व स्वास्थ्य सखी लोगों को एमडीए अभियान के दौरान दवा खाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
फाइलेरिया रोगी की पीड़ा को दिखाया
फाइलेरिया के प्रति युवाओं को जागरूक करने के लिए रायबरेली के राजदुलारी तालुकेदारी इंटर कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने नायाब तरीका चुना। कक्षा 12 की छह छात्राओं ने अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन और पीएसपी सदस्यों के सहयोग से प्रभावशाली नुक्कड़ नाटक का मंचन किया, जिसने फाइलेरिया रोग से जुड़ी उदासीनता और अज्ञानता की नींव हिला दी। नाटक में एक फाइलेरिया रोगी की यात्रा और उस व्यक्ति व उसके परिवार द्वारा सामना किए जाने वाले विभिन्न सामाजिक, भावनात्मक और आर्थिक संघर्षों को दर्शाया गया। नुक्कड़ नाटक के जरिए रोकथाम की शक्ति की ओर ध्यान आकर्षित किया- कैसे साधारण लेकिन अक्सर नजरअंदाज की जाने वाली दवाइयां वर्षों की पीड़ा से लोगों की जान बचा सकती हैं। पात्रों और दृश्यों ने सहानुभूति और तत्परता दोनों को जगाया। उनका संदेश स्पष्ट था: दवा लें, जिम्मेदारी लें।
विभिन्न जिलों में एमडीए यात्रा
इससे पहले पीएसपी सदस्यों ने विभिन्न जिलों में एमडीए यात्रा निकाली। जिसमें जनमानस को फाइलेरिया के प्रति जागरूक किया। यात्रा का पहला हिस्सा उन्नाव से रायबरेली रहा, जहां पीएसपी सदस्यों ने स्थानीय हितधारकों के साथ गहन और ईमानदार चर्चाओं की एक श्रृंखला में भाग लिया। प्रतिभागियों में ग्राम प्रधान, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, आशा कार्यकर्ता, संगिनी, स्वयं सहायता समूह की महिलाएँ, स्वयंसेवक और फाइलेरिया रोगी शामिल थे। एमडीए यात्रा दूसरे चरण में बाराबंकी से सीतापुर के लिए रवाना हुई और लोगों को फाइलेरिया व एमडीए के बारे में जागरूक किया।
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