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यूपी में नॉरकोटिक्टस टीमों के ताबड़तोड़ छापे
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी में नशे के रूप में प्रयोग हो रही कोडिनयुक्त कफ सिरप की अवैध आपूर्ति पर रविवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने बड़ी कार्रवाई की। लखनऊ, रायबरेली और सीतापुर जिलों में एक साथ 10 जगह छापेमारी कर जांच की गई। इस दौरान कई फर्म संचालक मौके से शटर बंद कर फरार हो गए। विभाग ने फोन के जरिए संचालकों से संपर्क कर दवा खरीद-बिक्री से जुड़े दस्तावेज तलब किए हैं।
लखनऊ और सीतापुर के दो मेडिकल स्टोर सील
जांच में अनियमितता मिलने पर लखनऊ और सीतापुर के दो मेडिकल स्टोर सील कर दिए गए। एफएसडीए अधिकारियों के अनुसार, गुजरात की एक फार्मा कंपनी, जिसका डिपो लखनऊ में है, के माध्यम से नॉरकोटिक्स दवाओं और कोडिन सिरप की आपूर्ति कई जिलों में की जा रही थी। एफएसडीए के सहायक मंडल आयुक्त ब्रजेश यादव ने बताया कि छापे के लिए 13 जिलों के ड्रग इंस्पेक्टरों को लखनऊ बुलाया गया था। टीम ने लखनऊ में नौ फर्म और सीतापुर में एक फर्म की जांच की।
औषधियों का भंडारण असंतोषजनक पाया गया
ट्रांसपोर्ट नगर स्थित इधिका लाइफ साइंसेज और अर्पिक फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड में गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की गई। इन दोनों फर्मों में नॉरकोटिक्स औषधियों का भंडारण असंतोषजनक पाया गया और भारी मात्रा में कोडिन कफ सिरप की अनियमित बिक्री का खुलासा हुआ। फर्म से बिक्री से जुड़े दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं। इन दोनों फर्मों के मालिक मनोहर जैसवाल हैं, जो गुजरात में रहते हैं और लखनऊ में डिपो संचालित करते हैं।
केवल 1000 बोतल की बिक्री का रिकॉर्ड मिला
छापे के दौरान अमीनाबाद के श्री श्याम फार्मा को बंद पाया गया, जिसे सील कर दिया गया। यह फर्म इधिका लाइफ साइंसेज से बड़ी मात्रा में नॉरकोटिक्स सिरप खरीदती थी। सीतापुर के नैमिष धाम मेडिकल स्टोर से 2600 बोतल कोडिन सिरप खरीदे जाने का खुलासा हुआ, जबकि जांच के दौरान संचालक ने केवल 1000 बोतल की बिक्री का रिकॉर्ड दिखाया। इस स्टोर को सील कर पुलिस को सूचना भेज दी गई।
नेपाल और बांग्लादेश तक फैला है इसका नेटवर्क
अधिकारियों ने बताया कि कोडिन और अन्य नशे की दवाओं की आपूर्ति का नेटवर्क नेपाल और बांग्लादेश तक फैला हुआ है। डॉक्टर के पर्चे के बिना इन दवाओं की बिक्री की जा रही है, जिससे यह नशे का कारोबार बन गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोडिन का अधिक सेवन हृदय, फेफड़े, किडनी और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाता है।
इसके सेवन से बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा
फिजीशियन डा. हरपाल सिंह ने बताया कि अधिक मात्रा में कोडिन दवा लेने से शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रभावित होती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।” वहीं, डॉ. प्रीतम दास (गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट) ने बताया कि नशे के रूप में प्रयोग होने वाली दवाओं का ज्यादा सेवन लिवर और किडनी को स्थायी नुकसान पहुंचाता है।
वर्ष 2024-25 में प्रदेश में 624 एनडीपीएस केस दर्ज हुए
एफएसडीए की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2024-25 में प्रदेश में 624 एनडीपीएस केस दर्ज हुए और 8054 लोगों की गिरफ्तारी की गई। जांच एजेंसियां अब गुजरात से लखनऊ तक फैले कोडिन सप्लाई नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।