लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी लखनऊ में आत्महत्या की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बीते 24 घंटे में चार लोगों ने अलग-अलग इलाकों में आत्महत्या कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। इन चार मामलों में दो महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि सभी की खुदकुशी की परिस्थितियां अलग-अलग हैं, लेकिन इनकी पृष्ठभूमि में मानसिक तनाव, अकेलापन और सामाजिक उदासीनता जैसी गंभीर समस्याएं सामने आ रही हैं।
बीबीडी में सातवीं मंजिल से कूद गईं महिला
बीबीडी थाना क्षेत्र में रहने वाली 57 वर्षीय हीरामणि ने रविवार देर रात अपने अपार्टमेंट की सातवीं मंजिल से कूदकर जान दे दी। हीरामणि गोल्ड लाइन रीजेंसी अपार्टमेंट में अपनी बेटी गोलू के साथ रहती थीं, जबकि उनके पति सत्येंद्र मुंबई में रियल एस्टेट का काम करते हैं। हीरामणि काफी समय से बीमार चल रही थीं और बीमारी के कारण वे मानसिक रूप से बेहद परेशान थीं। रात करीब दो बजे जब बेटी सो रही थी, तभी उन्होंने बालकनी से छलांग लगा दी। गिरने की आवाज सुनकर अपार्टमेंट के सुरक्षाकर्मी और अन्य लोग मौके पर पहुंचे और उन्हें लोहिया अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
कृष्णा नगर में पॉलिटेक्निक छात्रा ने फांसी लगाई
वहीं कृष्णा नगर कोतवाली क्षेत्र में रविवार शाम को एक 17 वर्षीय पॉलिटेक्निक की छात्रा चंचल सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतका अलीगढ़ की रहने वाली थी और जाफर खेड़ा में पिछले दो साल से किराए के मकान में रहकर पढ़ाई कर रही थी। पुलिस को छात्रा के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा है – "मैं जो कर रही हूं अपनी मर्जी से कर रही हूं। दुनिया में सभी सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं। लड़कियों को जिंदगी तो दी जाती है, पर जीने नहीं दिया जाता।" नोट से स्पष्ट होता है कि छात्रा लंबे समय से मानसिक दबाव और सामाजिक उपेक्षा का शिकार थी।
तालकटोरा में सेवानिवृत्त कर्मचारी ने किया सुसाइड
सोमवार सुबह तालकटोरा क्षेत्र में राजाजीपुरम निवासी 64 वर्षीय अनिल रस्तोगी ने भी आत्महत्या कर ली। वह कृषि विभाग से सेवानिवृत्त क्लर्क थे और पत्नी की मौत के बाद से अकेलेपन में जीवन जी रहे थे। सुबह पौधों को पानी देने के बहाने छत पर गए और वहीं पंखे से फंदा लगाकर जान दे दी। बेटे आनंद ने जब काफी देर तक कोई हलचल नहीं देखी, तो जाकर देखा कि उनके पिता मृत अवस्था में लटके हुए हैं। घटना स्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
मदेयगंज में 22 वर्षीय युवक की खुदकुशी
मदेयगंज के खदरा क्षेत्र में रहने वाले 22 वर्षीय शिवम, जो एक इवेंट कंपनी में डीजे का काम करते थे, ने रविवार रात आत्महत्या कर ली। रात एक बजे मां जब उनके कमरे में पहुंची, तो देखा कि शिवम ने दुपट्टे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है। परिवार वालों के मुताबिक शिवम सामान्य जीवन जी रहे थे, किसी तरह की परेशानी का जिक्र नहीं किया था। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।
मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल,पुलिस कर रही जांच
इन चारों मामलों में एक चीज समान नजर आई – मानसिक परेशानी और सामाजिक तिरस्कार। खासतौर पर युवाओं और बुजुर्गों में अकेलेपन और निराशा की स्थिति भयावह होती जा रही है। विशेषज्ञों की मानें तो समय रहते काउंसलिंग और परामर्श मिल जाए तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।चारों मामलों में पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और जांच जारी है। लखनऊ पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी तरह की मानसिक परेशानी या तनाव होने पर मनोवैज्ञानिक या परामर्शदाता से संपर्क करें और आत्मघाती कदम न उठाएं।
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