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(ऊपर)सीएमओ हरिदत्त नेमी, (नीचे) डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह का फाइल फोटो। Photograph: (सोशल मीडिया)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। कानपुर के बहुचर्चित सीएमओ और डीएम विवाद में निलंबित चल रहे सीएमओ हरिदत्त नेमी को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से मंगलवार को बड़ी राहत मिली है। बेंच ने 19 जून को जारी उनके निलंबन के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार व अन्य पक्षों को चार सप्ताह में अपना पक्ष रखने का समय दिया है। अब मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।
डीएम पर लगाए थे गंभीर आरोप
गौरतलब है कि निलंबन के बाद सीएमओ हरिदत्त ने डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह उनसे बराबर पैसे की डिमांड करते रहे और सिस्टम में आने की बात कहते रहे। सीएमओ ने डीएम पर दलित विरोधी होने का भी आरोप लगाया था। साथ ही कहा था कि भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने के कारण ही उनको निलंबित किया गया है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिकाकर्ता की तरफ से एलपी मिश्रा पेश हुए थे। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि बिना विभागीय जांच/प्रक्रिया के उन्हें पद से हटाया गया और उसी दिन विपक्षी पार्टी संख्या 3 को पद पर तैनात कर दिया गया।
निलंबन नियमों के विरुद्ध
मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस मनीष माथुर की पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता की दलीलों में दम है। निलंबन आदेश बिना विभागीय जांच और सुनवाई के पारित किया गया, जो नियमों के विरुद्ध है। याचिकाकर्ता को पहले सिर्फ माइनर पेनल्टी के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा गया था, न कि निलंबन के लिए। इसके बाद बेंच ने 19 जून को जारी निलंबन के आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी और राज्य सरकार व अन्य पक्षों को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।
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