लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी में लाइन हानियां कम करने और स्मार्ट मीटर में रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत 44094 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसके बाद भी लाइन हानियां कम नहीं हुई है। हानियां इस साल में 2024-25 के बराबर ही 13.78 फीसदी हैं। यह खुलसा नियामक आयोग में दाखिल किए गए वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) में हुआ है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इन आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप
उपभोक्ता परिषद के अध्ययक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि प्रदेश में लाइन हानियां कम करने के लिए बिजली कंपनियों दक्षिणांचल 7434 करोड़, मध्यांचल 13539 करोड़, पश्चिमंचल 12695 करोड़, पूर्वांचल 9481 करोड़ और केस्को में 943 करोड़ खर्च हुए। केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत करोड़ों खर्च करने के बाद भी लाइन हानियां जस की तस हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 42 जनपदों की बिजली निजी हाथों में देने के बाद आने वाले निजी घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
लाइन हानि की स्थिति
बिजली कंपनी 2024 -25 2025 -26
दक्षिणांचल 15.53% 15.53%
मध्यांचल 13.59% 13.59%
पश्चिमांचल 11.18% 11.18%
पूर्वांचल 16.23% 16.23%
केस्को 7.68% 7.68%
कुल 13.78% 13.78%
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