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लोकदल ने स्वच्छता सर्वेक्षण पर उठाए सवाल: सुनील सिंह बोले- यूपी के शहरों में गंदगी का अंबार, जमीनी हकीकत से कोसों दूर सर्वे

कानपुर, प्रयागराज और मेरठ में सीवर ओवरफ्लो और जलभराव आम समस्या बन चुकी है। लखनऊ और गाजियाबाद में खुले में कूड़ा डंप किया जाता है, जिससे संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं।

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Deepak Yadav
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लोकदल ने स्वच्छता सर्वेक्षण पर उठाए सवाल Photograph: (YBN)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लोकदल ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। पार्टी का कहना है कि दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में यूपी के लखनऊ, आगरा, गाजियाबाद, कानपुर, वाराणसी समेत कई जनपदों को उत्कृष्ट रैंकिंग और कूड़ा मुक्त शहर की स्टार रेटिंग दी गई है। जो जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाती। प्रदेश के अधिकांश शहरों में गंदगी का अंबार है। सर्वेक्षण के तहत दिए गए पुरस्कार झूठी उपलब्धियों का प्रतीक हैं।  

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कागजी कामयाबियां और दिखावटी आंकड़ें

लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा कि प्रदेश के नगर निगमों में गंदगी के अंबार, जाम सीवर, टूटी-फूटी सड़कों और खुली नालियों की असलियत किसी से छुपी नहीं है। सरकार और नगर निगम महज कागजी कामयाबियों और दिखावटी आंकड़ों के सहारे जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वाराणसी में गंगा किनारे साफ-सफाई का दावा किया जाता है, लेकिन अंदरूनी गलियों की हालत बदतर है।

सीवर-जलभराव से जूझते शहर

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कानपुर, प्रयागराज और मेरठ में सीवर ओवरफ्लो और जलभराव आम समस्या बन चुकी है। लखनऊ और गाजियाबाद में खुले में कूड़ा डंप किया जाता है, जिससे संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। उन्होंने कहा कि इन शहरों को मिले पुरस्कारों की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराई जाए। जनता के बीच सर्वेक्षण कर वास्तविकता को सामने लाया जाए। कागजों पर नहीं, जमीन पर सफाई व्यवस्था में सुधार हो। उन्होंने कहा कि पुरस्कारों से नहीं, बल्कि जमीनी सच्चाई से ही स्वच्छता की असली तस्वीर बनती है। यदि सरकार वास्तव में गंभीर है तो उसे जनता की शिकायतों और जमीनी हालात को प्राथमिकता देना चाहिए।

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