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छात्रा की हत्या के बाद रोती मां, प्रियांशी का फाइल फोटो, आरोपी आलोक रावत को फाइल फोटो।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी के मोहनलालगंज के शांत माने जाने वाले धर्मावतखेड़ा गांव में रविवार दोपहर ऐसी दिल दहला देने वाली वारदात हुई जिसने पूरे इलाके को शोक और स्तब्धता में डुबो दिया। 19 वर्षीय बीएससी छात्रा प्रियांशी की हत्या ने न सिर्फ एक परिवार की खुशियों को उजाड़ दिया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि टूटे रिश्तों की नफ़रत किस हद तक इंसान को हैवान बना सकती है।
प्रियांशी बना रही थी चाय तभी वहां पहुंचा आलोक रावत
रविवार दोपहर लगभग 12:30 बजे का समय था। घर पर सिर्फ दो बहनें थीं प्रियांशी और उसकी छोटी बहन महक। मां पूनम रोज की तरह निजी अस्पताल की ड्यूटी पर गई हुई थीं। प्रियांशी, जो हमेशा सपनों और हंसी से भरी रहती थी, पहली मंजिल के छोटे-से किचन में चाय बना रही थी। तभी अचानक घर में कदमों की आवाज गूंजी वह था आलोक रावत, वही युवक जिससे कभी प्रियांशी जीवनसाथी बनाने की सोचती थी, और वही व्यक्ति जिससे आज वह दूरी चाहती थी।
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बहन सोची आया होगा मनाने
महक ने जब आलोक को देखा तो उसे लगा कि शायद वह फिर किसी बात पर बहन को मनाने आया होगा। लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि अगले कुछ ही मिनटों में उनका घर एक खौफनाक खामोशी से भर जाएगा। आलोक सीधे ऊपर पहुंचा। किचन में प्रियांशी को देखकर उसके भीतर वर्षों का गुस्सा, नशे और ज़िद की आग उमड़ पड़ी। दोनों में बहस हुई एक ओर प्रियांशी का आत्मसम्मान और बच निकलने की चाह, दूसरी ओर आलोक का पागनपल सवार था।
घायल होने के आखिरी सांस तक जान बचाने के लिए करती रही संर्घष
अचानक उसने बैग से थर्माकोल काटने वाला तेज कटर निकाला और हथियार की तरह ताबड़तोड़ उसके गले पर वार करने लगा। प्रियांशी की चीखें पूरे घर में गूंज उठीं। गले से बहता खून उसकी हथेलियों पर इकट्ठा होता गया। वह सीढ़ियों की ओर लड़खड़ाकर भागी आखिरी उम्मीद, आखिरी सांस, आखिरी संघर्ष।बरामदे तक पहुंचते-पहुंचते उसका शरीर ढीला पड़ने लगा और कुछ ही सेकंड में वह जमीन पर गिर पड़ी। खून से लथपथ उस युवा शरीर को देखकर महक की चीखें आसमान चीरती रहीं, लेकिन प्रियांशी की आंखें सदा के लिए बंद हो चुकी थीं।
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खून से नहाई बेटी को देखकर मां के उड़ गए होश
इस पूरे घटनाक्रम के बाद आलोक अपनी बुलेट बाइक पर सवार होकर फरार हो गया। जब पूनम अस्पताल से घर लौटीं और सामने बेटी की निर्जीव देह देखीउनकी दुनिया मानो उसी क्षण ढह गई। वह खून से सनी प्रियांशी को अपनी गोद में लेकर फूट-फूटकर रोने लगीं। कुछ घंटे पहले तक जिस बेटी के सपनों में वह अधिकारी बनने की चमक देखती थीं, वही बेटी अब खून में नहाई पड़ी थी।
एक तिलक समारोह में दोनों की हुई थी मुलाकात
पूनम ने बताया कि दो साल पहले रिश्तेदार के एक तिलक समारोह में प्रियांशी और आलोक की मुलाकात हुई थी। पहले दोस्ती, फिर प्रेम लेकिन प्रेम का यह रिश्ता जल्द ही जहर में बदल गया। आलोक शराब का आदी था, कई बार मारपीट भी की। जब प्रियांशी ने शादी से इनकार किया, तब से ही वह बदला लेने की ठान बैठा था।गांव में हर कोई स्तब्ध है। पहली मंजिल के किचन से लेकर नीचे बरामदे तक फैला खून इस बेरहमी की गवाही दे रहा है। स्थानीय लोग बताते हैं कि आलोक के घर आने-जाने पर कई बार ऐतराज जताया गया था, लेकिन किसी ने सोचा नहीं था कि वह ऐसी दरिंदगी पर उतर आएगा।
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पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर शुरू की पूछताछ
एसीपी मोहनलालगंज विकास पांडेय के अनुसार, आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। मौके से खून से सना कटर भी मिला, जिसे फॉरेंसिक टीम ने कब्जे में ले लिया है।प्रियांशी अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी चीखें, उसकी असहाय आखिरी दौड़ और उसकी मां का रोता हुआ चेहरा इस गांव से शायद कभी नहीं मिट पाएगा। यह सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि एक सपने, एक परिवार और एक जिंदगी की निर्मम समाप्ति है।
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