/young-bharat-news/media/media_files/2025/06/12/swemybrtARILn6ypCStF.jpeg)
अवसाद के प्रबंधन में योग की भूमिका पर लखनऊ विश्वविद्यालय में संगोष्ठी आयोजित Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय के योग विभाग, फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन के तत्वावधान में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अंतर्गत "अवसाद के प्रबंधन में योग की भूमिका" विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के योग सभागार में संपन्न हुआ।
तनाव कम करते है प्राणायाम
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ. बृजेन्द्र प्रताप सिंह, योग इंस्ट्रक्टर, स्टेट आयुर्वेदिक हॉस्पिटल, फरीदीनगर, लखनऊ ने बताया कि भुजंगासन, भद्रासन, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और उज्जायी प्राणायाम अवसाद और तनाव के स्तर को कम करने में प्रभावी सिद्ध हुए हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की जीवनशैली, आहार, विहार एवं शारीरिक गतिविधियां मानसिक स्वास्थ्य को गहराई से प्रभावित करती हैं। योग न केवल वैज्ञानिक रूप से अवसाद प्रबंधन में सहायक है, बल्कि इसका सामाजिक महत्व भी अत्यंत व्यापक है।
पांच प्रतिशत जनसंख्या डिप्रेशन से ग्रसित
कार्यक्रम के संयोजक और संकाय के कॉर्डिनेटर डॉ. अमरजीत यादव ने कहा कि तनाव और अवसाद के प्रबंधन के लिए यौगिक जीवनशैली का अनुसरण एक सहज और प्रभावी उपाय है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व की लगभग 5 प्रतिशत जनसंख्या डिप्रेशन से ग्रसित है। ऐसे में पतंजलि द्वारा वर्णित अष्टांग योग के यम और नियम आज के सामाजिक संदर्भ में अमूल्य और उपयोगी मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
यह भी पढ़ें- मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित होकर खिल उठे मेधावियों के चेहरे, बोले-थैंक-यू योगी जी
यह भी पढ़ें- खुले में पेशाब करते कैमरे में कैद हुए सांसद जगदम्बिका पाल, सफाई में बोले-इमरजेंसी थी