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राजीव कृष्ण
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता ।उत्तर प्रदेश की 26वीं बटालियन पीएसी, गोरखपुर में प्रशिक्षणरत महिला सिपाहियों की ओर से अव्यवस्थाओं को लेकर किए गए विरोध के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए त्वरित कार्रवाई की है। महिला प्रशिक्षुओं की शिकायतों के आधार पर बटालियन के सेनानायक आनंद कुमार और प्लाटून कमांडर संजय राय को निलंबित कर दिया गया है।
लापरवाही और उत्तरदायित्व के निर्वहन में शिथिलता का दोषी पाया गया
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने बुधवार को बताया कि प्राथमिक जांच में सेनानायक आनंद कुमार को पर्यवेक्षण में लापरवाही और उत्तरदायित्व के निर्वहन में शिथिलता का दोषी पाया गया। वह 2015 बैच के प्रमोटी आईपीएस अधिकारी हैं। वहीं, प्लाटून कमांडर संजय राय महिला सिपाहियों की समय से समस्याओं का समाधान करने में विफल पाए गए। दोनों अधिकारियों के निलंबन की संस्तुति के साथ उन्हें तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है।
बाथरूम में कैमरे की शिकायत झूठी निकली
घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस मुख्यालय ने एडीजी पीएसी आर.के. स्वर्णकार को मौके पर भेजा है, जो महिला आरक्षियों की समस्याओं के समाधान व प्रशिक्षण व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे हैं।आईजी पीएसी (मध्य जोन) डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने स्पष्ट किया है कि बाथरूम में कैमरे लगाए जाने की बात की जांच की गई, लेकिन यह दावा तथ्यहीन और पूरी तरह से गलत पाया गया। उन्होंने बताया कि तकनीकी कारणों से अस्थायी रूप से जलापूर्ति बाधित हुई थी, जिसे तत्काल दुरुस्त कर दिया गया है।
पीटीआई सस्पेंड, अनुशासनहीनता पर कार्रवाई की चेतावनी
महिला प्रशिक्षुओं से अनुचित व्यवहार करने वाले पीटीआई को भी निलंबित कर दिया गया है। साथ ही यह चेतावनी दी गई है कि सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह फैलाने या अनुशासनहीनता करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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