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UP News : गरीब परिवारों की बेटियों के लिए वरदान 'शादी अनुदान' योजना

पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि गरीब ओबीसी परिवारों की बेटियों को सम्मान के साथ शादी के अवसर मिलें।

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Abhishek Mishra
OBC Marriage Grant Scheme

योगी सरकार की शादी अनुदान योजना ओबीसी परिवारों की बेटियों के लिए बनी वरदान Photograph: (Social Media)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के गरीब परिवारों की बेटियों की शादी अब बोझ नहीं, सरकार की मदद से एक सम्मानजनक सामाजिक आयोजन बन रही है। ओबीसी बेटियों के लिए संचालित 'शादी अनुदान योजना' अब उन हजारों परिवारों के लिए राहत और सहारा बन गई है, जो आर्थिक अभाव के कारण अपनी बेटियों की शादी को लेकर चिंता में रहते थे। इस योजना के तहत योगी सरकार प्रत्येक पात्र ओबीसी परिवार को अपनी बेटी की शादी के लिए 20 हजार रुपये का अनुदान प्रदान कर रही है, जो गरीब परिवारों के लिए एक बड़ा सहारा साबित हो रहा है।

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दोगुना हुआ लाभार्थियों का आंकड़ा

प्रदेश सरकार ने पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समाज के उत्थान को केवल नीति के पन्नों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि जमीनी स्तर पर उसे साकार करने का एक सुनियोजित अभियान बना दिया है। उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में 2024-25 में इस योजना से लाभान्वित होने वाली बेटियों की संख्या में करीब दोगुना इजाफा हुआ है। जहां पिछले साल 55,551 बेटियों को इस योजना का लाभ मिला था, वहीं इस साल यह संख्या बढ़कर एक लाख तक पहुंच गई है। इस वृद्धि का मुख्य कारण आय सीमा में किया गया बदलाव है। पहले यह योजना केवल बीपीएल श्रेणी के शहरी और ग्रामीण परिवारों तक सीमित थी, लेकिन अब आय सीमा को बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है, जिससे अधिक परिवार इस योजना का लाभ उठा पा रहे हैं। शहरी व ग्रामीण दोनों के लिए पात्र लाभार्थियों के चयन के लिए आय सीमा को एकसमान कर दिया गया है।

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अभियान से बढ़ेगा जागरूकता का दायरा

विभाग ने इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए बजट में भी वृद्धि की है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का बजट 2,789.71 करोड़ रुपये रखा गया था, जो 2023-24 के 2,338.63 करोड़ रुपये की तुलना में 451.08 करोड़ रुपये अधिक है। पिछड़ा वर्ग के चलाई जा रही योजनाएं अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे इसके लिए योगी सरकार व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रचार की जरूरत को महसूस किया है। चालू वित्तीय वर्ष में अभियान चलाकर विभाग द्वार जरूरतमंद लोगों को सरकार की योजनाओं से जोड़ा जाएगा।

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बजटीय प्रबंधन में रिकॉर्ड वृद्धि

पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो सरकार के कार्यकाल में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के बजटीय प्रबंधन में अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिलती है। वर्ष 2012-13 से 2016-17 तक का कुल व्यय बजट 6,928.71 करोड़ रुपये था, जबकि 2017-18 से 2025-26 तक यह आंकड़ा 14,969.55 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह पिछले सरकार के कुल व्यय बजट से 8,040.84 करोड़ रुपये अधिक है, जो योगी सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

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सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, सम्मान की दिशा में पहल

इस योजना को लेकर पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि गरीब ओबीसी परिवारों की बेटियों को सम्मान के साथ शादी के अवसर मिलें। यह योजना केवल वित्तीय सहायता नहीं, बल्कि समाज में बराबरी और सम्मान की दिशा में हमारा प्रयास है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि किसी भी गरीब परिवार की बेटी शादी के अवसर पर उपेक्षित महसूस न करे। हम इस लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहे हैं। इस योजना का लाभ अब तक एक लाख से अधिक बेटियों को मिल चुका है और हमारा लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में यह संख्या और बढ़े।

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