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बिना बताए प्रीपेड किए गए स्मार्ट मीटर का मामला पहुंचा नियामक आयोग, बिजली कंपनियों पर कार्रवाई की मांग

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 11 अगस्त तक प्रदेश में 33 लाख 51 हजार 971 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए गए हैं। वहीं बिना उपभोक्ताओं सहमति के 3 लाख 34 हजार 561 स्मार्ट मीटर को प्रीपेड में कर दिया गया।

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Deepak Yadav
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प्रीपेड मोड़ में किए गए स्मार्ट मीटर का मामला पहुंचा नियामक आयोग Photograph: (google)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। प्रदेश में उपभोक्ताओं की सहमति के बिना स्मार्ट मीटर को प्रीपेड मोड में बदलने का मामला मंगलवार को विद्युत निमामक आयोग पहुंच गया। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आयोग में विधिक प्रस्ताव दाखिल करते हुए मी​टर लगाने वाली बिजली कंपनियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग की है। परिषद ने स्मार्ट मीटर की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए हुए आरोप लगाया कि कमीशन के लिए विभागीय अधिकारी निजी घरानों के साथ मिले हुए हैं। 

यूपी में 33.51 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगे 

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 11 अगस्त तक प्रदेश में 33 लाख 51 हजार 971 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए गए हैं। वहीं बिना उपभोक्ताओं सहमति के 3 लाख 34 हजार 561 स्मार्ट मीटर को प्रीपेड में कर दिया गया। इस मामले में विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर अवगत कराया कि बिजली कंपनियां विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 47(5) का उल्लंघन कर रही हैं। ऐसे में आसंवैधानिक कृत्य के लिए बिजली कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।

स्मार्ट मीटरों में 90 प्रतिशत चाइनीज पुर्जे

परिषद अध्यक्ष कहा कि प्रदेश में उपभोक्ताओं के घरों में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों में 90 प्रतिशत पुर्जे चीन के बने हैं। लेकिन बिजली कंपनियों के अधिकारी निजी घरानों से कमीशन लेकर, इन्हें देश में बने पुर्जें लगने होने के नाम पर पास कर रहे हैं। नतीजनत स्मार्ट प्रीपेड मीटर तेज चल रहे हैं, और उनकी जांच नहीं की जा रही है।

बकाया पर बिजली स्वत: कटेगी

वर्मा ने कहा कि किसी भी बकायदार उपभोक्ता को 15 दिन की नोटिस देने के बाद ही उसका उसका बिजली कनेक्शन काटा जा सकता है। ऐसे में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मामले में बकाया होने पर किस तरह से नोटिस दी जाएगी। चूंकि बिना नोटिस दिए बिजली का कनेक्शन बकाया पर भी नहीं काटा जा सकता।  लेकिन प्रीपेड मीटर लगने के बाद बकाया होने पर बिजली आपूर्ति स्वत: कट जाएगी।

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प्रीपेड मीटर पर पांच प्रतिशत दी जाए छूट

उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियां भारत सरकार के नियम की बात करती हैं। जबकि विद्युत अधिनियम 2003 लोकसभा से पारित कानून की परिधि में आता है। उसे कोई नियम नहीं बदल सकता। यदि पावर कारपोरेशन को नियम लागू करने की इतनी जल्दी है, तो सबसे पहले कंस्यूमर राइट रूल 2020 के तहत सभी उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति और प्रीपेड मीटर लगने के बाद पांच प्रतिशत की छूट दी जाए। 

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