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विधायक पल्लवी पटेल का महिलाओं संग विधानभवन कूच, पुलिस ने हिरासत में लिया

पल्लवी पटेल की अगुवाई में महिलाएं बापू भवन की ओर कूच कर रही थीं। पुलिस ने मार्च को रास्ते में बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। उसके बाद पल्लवी पटेल को महिलाओं सहित बस में बैठाकर धरना स्थल इको गार्डन भेज दिया।

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Deepak Yadav
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महिलाओं के साथ सड़क पर उतरी विधायक डॉ पल्लवी पटेल Photograph: (YBN)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। अपना दल (कमेरावादी) विधायक पल्लवी पटेल (pallavi patel) ने महिला उत्पीड़न और अपना दल के नेता सोनेलाल पटेल की हत्या की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर शनिवार को प्रदर्शन किया। पल्लवी पटेल ने सैकड़ों महिला कार्यकर्ताओं के साथ बर्लिंगटन चौराहे से विधानभवन की ओर जाने वाली सड़क पर विरोध मार्च निकाला। रतन स्क्वायर के पास से पुलिस ने उन्हें प्रदर्शकारी महिलाओं समेत हिरासत में लेकर ईको गार्डन भेज दिया। 

पुलिस और कार्यकताओं के बीच तीखी नोकझोंक 

बर्लिंगटन चौराहे पर जुटीं महिला मंच की कार्यकर्ताओं ने "हर महिला को सुरक्षा और आजादी दो, सम्मानजनक रोजगार दो" "केजी से पीजी तक महिलाओं की शिक्षा निशुल्क करो" "रोजमर्रा की वस्तुओं की महंगाई पर रोक लगाओ" नारे लगाते हुए जुलूस के शक्ल में विधानभवन की ओर बढ़ीं। विधानसभा मार्ग पर बापू भवन से पहले बैरिकेडिंग लगाकर भारी संख्या में मौजूद पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को रोक लिया। तीखी नोकझोंक और झड़प के बाद बड़ी संख्या में जुटी महिला प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर बसों में लादकर इको गार्डन ले जाया गया। इस दौरान महिलाएं काफी आक्रामक मुद्रा में दिखीं। महिला प्रदर्शनकारियों के साथ काफी संख्या में पुरुष कार्यकर्ता मौजूद रहें।

महिलाओं ने आंदोलन का बिगुल फूंका 

इस दौरान पल्लवी पटेल ने कहा कि वर्ष 1999 में 23 अगस्त को इलाहाबाद के पीडी टंडन पार्क में अपना दल के संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल पर किसानों, कमेरों, और वंचितों के हक की आवाज उठाने पर बर्बर लाठीचार्ज और प्राणघातक हमला किया गया था। तभी से अपना दल प्रत्येक वर्ष दूसरी आजादी की प्रथम क्रांति के इस दिवस पर जनहित में आंदोलित रहता है। इस बार लखनऊ में आधी आबादी ने रसोई से लेकर खेत खलिहान, शिक्षा रोजगार के मुद्दों के साथ ही सुरक्षा एवं भागीदारी के लिए आंदोलन का बिगुल फूंका है। 

रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती करने की मांग 

पल्लवी पटेल ने कहा कि महंगाई का दंश सबसे ज्यादा महिलाओं को ही झेलना पड़ता है, उन्होंने रोजमर्रा की मूलभूत आवश्यकता की वस्तुओं की महंगाई पर रोक लगाने की मांग की।उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय और भागीदारी के बिना वंचितों खासकर महिलाओं के हितों की रक्षा नहीं हो सकती। इसलिए केंद्र और प्रदेश सरकार तत्काल जाति जनगणना की तिथि घोषित करे। साथ ही वंचित वर्ग के साथ ही महिलाओं को भी आबादी के अनुपात में भागीदारी सुनिश्चित करने की ठोस नीति बनाई जाए।

सोनेलाल की हत्या की सीबीआई जांच की मांग

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उन्होंने कहा कि हम किसान, कमेरों के घर की महिलाएं हैं। इसलिए छुट्टा जानवरों से निजात दिलाकर खेती बचाने, सहकारी समितियां पर खाद बीज की कमी से हो रही कालाबाजारी पर रोक लगाने की भी मांग करते हैं। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने अपना दल के संस्थापक डॉ सोनेलाल पटेल की हत्या की सीबीआई जांच की भी मांग उठाई। कार्यकर्ताओं ने कहा कि वर्तमान केंद्र एवं प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। कानून व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी हुई है। सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार चरम पर है। इसलिए आज किसने कमेरों के साथ घर की महिलाएं भी सड़क पर उतरी हैं।

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