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Crime News: पुलिस कमिश्नर व डीसीपी नॉर्थ से मिलकर मॉडल चाय वाली सिमरन ने सुनाई आपबीती, महिला आयोग में भी की शिकायत

लखनऊ की 'मॉडल चाय वाली' सिमरन गुप्ता ने पुलिसकर्मियों पर अभद्रता और मारपीट का आरोप लगाते हुए पुलिस कमिश्नर और डीसीपी नॉर्थ से शिकायत की।मांग की पुलिस की आड़ में जो गुंडागर्दी हो रही है उसे समाप्त किया जाए। गोरखपुर जैसा माहौल यहां भी हो।

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Shishir Patel
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मॉडल चाय वाली सिमरन गुप्ता।

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।राजधानी में ‘मॉडल चाय वाली’ के नाम से चर्चित सिमरन गुप्ता के साथ हुए मारपीट और अभद्रता के मामले ने तूल पकड़ लिया है। सिमरन ने इस गंभीर घटना को लेकर बुधवार को पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की, जहां उनकी शिकायत को पूरी गंभीरता से सुना गया। इसके बाद उन्हें डीसीपी नॉर्थ के पास भेजा गया, जहां उन्होंने पूरा घटनाक्रम विस्तार से बताया।

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पुलिसकर्मियों ने उनके साथ अभद्रता करने के साथ की मारपीट

सिमरन गुप्ता का आरोप है कि कुछ पुलिसकर्मी सादी वर्दी में आए और देर रात तक दुकान चलाने को लेकर न सिर्फ पूछताछ की बल्कि जबरन गाड़ी में बैठाने की कोशिश करते हुए उनके साथ अभद्रता और मारपीट की। सिमरन ने कहा कि यदि उन्होंने विरोध न किया होता तो उनके साथ कोई अनहोनी भी हो सकती थी। इस तरह से राजधानी में पुलिस का वर्ताव कहीं से भी उचित नहीं है। 

लाइन हाजिर नहीं पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाए

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सिमरन ने यह भी बताया कि पुलिसकर्मी उनसे दुकान का समय तय करने और पैसे बांधने का दबाव बना रहे थे। जब उन्होंने इनकार किया तो दुर्व्यवहार किया गया। मामले में शिकायत के बाद कुछ पुलिसकर्मियों को लाइन हाज़िर किया गया है, लेकिन सिमरन का कहना है कि केवल लाइन हाज़िर करना पर्याप्त नहीं है, उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए। ताकि इस तरह की घटना की दोबारा से पुनरावृत्ति न हो। 

गोरखपुर जैसा यहां भी हो माहौल

डीसीपी नॉर्थ ने सिमरन की बातों को गंभीरता से सुनते हुए निष्पक्ष जांच और आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।सिमरन ने यह भी बताया कि उन्होंने इस मामले की पूरी शिकायत महिला आयोग में भी कर दी है, ताकि भविष्य में किसी महिला उद्यमी को इस तरह की उत्पीड़न का सामना न करना पड़े। उनकी मांग है कि पुलिसकर्मी की गुर्दागर्दी को खत्म किया जाए और गोरखपुर जैसा माहौल यहां भी होना चाहिए।

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मॉडलिंग से जुड़ी रहने के कारण दुकान का यह रखा नाम 

सिमरन की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं। गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई करने वाली सिमरन ने मॉडलिंग में करियर बनाना चाहा था। 2018 में 'मिस गोरखपुर' बनीं, लेकिन कोरोना काल में पिता की नौकरी चली गई और आर्थिक हालात बिगड़ गए। उन्होंने बिजली विभाग में संविदा पर नौकरी की, लेकिन समय पर वेतन न मिलने पर छोड़ दी। इसके बाद 'एमबीए चायवाला' प्रफुल्ल बिलोरे से प्रेरित होकर 'मॉडल चाय वाली' के नाम से स्टार्टअप शुरू किया।

सिमरन की इस संघर्ष भरी कहानी ने हजारों लोगों को किया प्रेरित 

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सिमरन की मेहनत और संघर्ष से भरी इस यात्रा ने हजारों लोगों को प्रेरित किया, लेकिन अब वह खुद न्याय के लिए लड़ रही हैं।यह घटना सिर्फ एक दुकान या देर रात संचालन का मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह पुलिस के आचरण, महिला सुरक्षा, और छोटे उद्यमियों के प्रति तंत्र के व्यवहार पर बड़ा प्रश्नचिह्न बन गई है। क्या किसी महिला उद्यमी के साथ इस तरह का व्यवहार उचित है? क्या पुलिस को अपनी सीमाओं का ध्यान नहीं रखना चाहिए? और क्या सोशल मीडिया पर वायरल न होता तो कार्रवाई होती?

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