लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। जूनियर कन्जर्वेशनिस्ट नेचर कैम्प के तहत गुरुवार को प्रतिभागियों ने राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान केंद्र (NBRI) का भ्रमण किया। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने पौधों की दुनिया के रहस्य जानें और संस्थान की नवीन उपलब्धियों और खोज से रूबरू हुए। जिज्ञासा लैब की सीनियर एसोसिएट डॉ. प्रीति उमराव ने बताया कि हरियाली बढ़ाने के लिए संस्थान कुकरैल, बंथरा, बीबीएयू, अलीगंज में स्थित बंजर जमीन पर मियावकी तकनीक से जंगल विकसित कर रहा है।
10 हजार एंजियोस्पर्म प्रजातियां संरक्षित
सीनियर एसोसिएट ने हर्बल और नेचुरल उत्पादों में अंतर को विस्तार से बताया। हर्बल उत्पादों में केवल वनस्पतियों का इस्तेमाल होता है। जबकि नेचुरल उत्पादों में प्रकृति से प्राप्त खनिज, वनस्पतियों और जैविक पदार्थों से प्राप्त केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने बताया कि संस्थान के सूखे पौधों के नमूनों हर्बेरियम (Herbarium)
में एशिया का सबसे बड़ा लाइकेन (lichens) का संग्रह है। वनस्पति जगत के उभयचर ब्रायोफाइट्स (bryophytes) का भारत का सबसे बड़ा कलेक्शन और एंजियोसपर्म की कुल 10 हजार प्रजातियां संरक्षित हैं। यह भारत का सबसे बड़ा हर्बेरियम है।
प्रतिभागियों ने जानें पौधों के विभिन्न अंग
तकनीकी अधिकारी डॉ. विनय साहू ने प्रतिभागियों को फलों के भीतर बंद बीज एंजियोस्पर्म, जिम्नोस्पर्म (नग्न बीज) ब्रायोफाइट्स, लाइकेन, शैवाल, एकबीजपत्री, द्विबीजपत्र पौधे समेत उनके विभिन्न अंगों जैसे-कैलिक्स (फूल का सबसे बाहरी हिस्सा), कोरोला (पुष्पमुकुट), बीज, सेपल्स (पुष्प के सबसे बाहरी चक्र) के बारे में विस्तार से बताया। जुरासिक गैलरी में उस समय के पौधों के विषय में जानकारी दी। ब्रह्म कमल और भोज पत्र की प्रजातियों को बारे में जानकारी दी।
यह भी पढ़ें : UP News: अखिलेश यादव का बड़ा आरोप, कॉरिडोर बनाने के नाम पर भाजपाई लूट तंत्र सक्रिय
यह भी पढ़ें : UP News: भाजपा का इतिहास कमजोर और बुजदिल राजनीतिज्ञों का रहा है : प्रमोद तिवारी
यह भी पढ़ें : UP News: ट्रांसजेंडर्स को 'सीएम युवा अभियान' से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगी योगी सरकार