लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी भाजपा में लंबे समय से प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर अटकलें चल रही थीं। अब संभावना है कि जल्द ही किसी वरिष्ठ नेता को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
प्रदेश संगठन को नया नेतृत्व मिलने से कार्यकर्ताओं में उत्साह और जमीनी रणनीति में धार आने की उम्मीद है। यह निर्णय संगठन को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, 2027 के विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा उपचुनावों के लिहाज से सक्रिय और तैयार रखने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। बहरहाल यूपी में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा एक-दो दिन में कभी भी हो सकती है।
प्रमुख संभावित चेहरे
धर्मपाल सिंह (UP सरकार के कैबिनेट मंत्री) : समर्थकों का कहना है कि वह OBC वर्ग से आते हैं और पूर्व विधायक भी हैं। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए प्राथमिक दावेदार माने जाते हैं।
बी.एल. वर्मा (केंद्रीय राज्य मंत्री) : उन्होंने कृषि, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में कार्य किया है और ब्रज क्षेत्र में मजबूत पकड़ होने की वजह से उनकी दावेदारी मजबूत मानी जाती है।
बाबूराम निषाद (राज्यसभा सांसद) : वह BJP कार्यकर्ता रहे हैं और OBC समुदाय से होने के कारण दलित–पिछड़ी जातियों को संतुलन बनाने में उनकी भूमिका प्रभावशाली हो सकती है।
स्वतंत्र देव सिंह (प्रदेश के जल शक्ति मंत्री एवं पूर्व संगठनात्मक अध्यक्ष) : वह पहले प्रदेश अध्यक्ष रहे हुये हैं। इस अनुभव के कारण उनकी वापसी की भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
ब्राह्मण व दलित वर्ग से संभावित नाम
ब्राह्मण चेहरे:
दिनेश शर्मा (पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद): ब्राह्मण समुदाय से होने और संगठन व अनुभव के चलते नाम चर्चा में है।
गोविंद नारायण शुक्ला, विजय बहादुर पाठक: भाजपा के वरिष्ठ नेता, जिनका संगठनात्मक अनुभव उल्लेखनीय है।
दलित चेहरे:
विद्यासागर सोनकर और विनोद सोनकर (दोनो MLC और लोकसभा सांसद रहे हैं) : दलित समुदाय से आने और कार्य संगठन में सक्रिय होने के कारण इन पर भी विचार चल रहा है
जातीय समीकरण की रणनीति
पार्टी की रणनीति में OBC, दलित और ब्राह्मण तीनों वर्गों का संतुलन बनाए रखना शामिल है, जो कि PDA (पिछड़ा–दलित–अल्पसंख्यक) के खिलाफ BJP की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
जनवरी 2023 में वर्तमान बीजेपी अध्यक्ष का कार्यकाल हुआ समाप्त
जनवरी 2023 में भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल समाप्त हुआ, मगर उसके बाद से लगातार विस्तार किया जा रहा है। संगठन चुनाव अक्टूबर 2024 से शुरू हुआ है। अब तक लगभग 70 जिलाध्यक्ष चुने जा चुके हैं। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना बाकी है।
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