लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश सरकार की अगुवाई में शुरू कि गई ‘निवेशमित्र’ सिंगल विंडो पोर्टल प्रदेश के फार्मास्युटिकल सेक्टर के लिए गेमचेंजर बनकर उभरा है। यह पेपरलेस और पूरी तरह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म फार्मा उद्योग में अब तक 1.71 लाख से अधिक लाइसेंस जारी कर चुका है, जिससे इस क्षेत्र को नई रफ्तार मिली है। प्रदेश में वर्ष 2023 में लागू की गई ‘उत्तर प्रदेश फार्मास्युटिकल एवं चिकित्सा उपकरण नीति’ और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के समन्वय ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को और सशक्त किया है। इन प्रयासों का नतीजा यह है कि राज्य में फार्मा कंपनियों का निवेश तेजी से बढ़ रहा है और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों में भी व्यापक वृद्धि देखने को मिल रही है।
फार्मा नीति 2023 से मिली नई उड़ान
उत्तर प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में निवेश मित्र सिंगल विंडो पोर्टल और उत्तर प्रदेश फार्मास्युटिकल एवं चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 को लागू किया गया। जिसके परिणाम स्वरूप प्रदेश में फार्मा क्षेत्र में न केवल निवेश को प्रोत्साहन मिला है साथ ही विनिर्माण और रोजगार सृजन में भी वृद्धि मिली है।
तीन वर्षों में 2845 करोड़ का निवेश
सिंगल विंडो पोर्टल के जरिए पेपरलेस आनलाइन माध्यम से फार्मा उद्योग में पिछले तीन वर्षों में लगभग 2,845 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जिसमें विनिर्माण, रक्त केंद्रों और औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों का योगदान शामिल है। जिसके तहत वर्ष 2022-23 से 2024-25 के बीच विनिर्माण क्षेत्र में 167 इकाइयों की स्थापना के साथ लगभग 3,340 रोजगार सृजित हुए। रक्त केंद्रों में 195 इकाइयों के साथ औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों की 32,475 इकाइयों की स्थापना के साथ क्रमशः 1,365 और 64,995 रोजगार सृजित हुए।
उद्योग विस्तार के साथ रोजगार में वृद्धि
सीएम योगी के मार्गदर्शन में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से बनाई गई उत्तर प्रदेश फार्मास्युटिकल एवं चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 के लागू होने से प्रदेश में फार्मा उद्योग को और बल मिला। इस नीति के तहत प्रदेश में सरकार की ओर से फार्मा इंडस्ट्री को लगभग 3.89 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी में छूट प्रदान की गई, जिसने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया। परिणाम स्वरूप प्रदेश में फार्मा इंडस्ट्री की विनिर्माण इकाईयों के साथ, विक्रय प्रतिष्ठानों की स्थापना में निवेश में वृद्धि हुई। साथ ही, केंद्र सरकार के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के साथ समन्वय स्थापित कर ऑनलाइन नेशनल ड्रग लाइसेंसिंग सिस्टम (ओएनडीएलएस) पोर्टल को भी लागू किया गया। यह पोर्टल औषधि, कॉस्मेटिक्स और रक्त केंद्रों से संबंधित लाइसेंस जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ की नीतियों के परिणामस्वरू उत्तर प्रदेश में फार्मा उद्योग में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिला है। यह पहल न केवल फार्मा उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही है, बल्कि राज्य की आर्थिक समृद्धि और रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
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