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लखनऊ में अब रजिस्ट्री के लिए नहीं होगी देरी Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) में अब आवंटियों को संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए अधिकारियों और बाबुओं के चक्कर नहीं लगाने होंगे। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने इसके लिए स्पष्ट समय-सीमा तय करते हुए नई एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू कर दी है। इससे फाइलों को अनावश्यक रूप से लटकाने की प्रवृत्ति रुकेगी, जिम्मेदारी तय होगी और आवंटियों का लंबे समय से हो रहा शोषण भी खत्म होगा।
हर स्तर पर जवाबदेही तय
एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि समीक्षा के दौरान यह सामने आया कि रजिस्ट्री की फाइलें समय पर संबंधित अनुभागों को नहीं भेजी जातीं। जिससे अनावश्यक देरी होती है और प्राधिकरण की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कई बार फाइलें बाबुओं या अधिकारियों के स्तर पर रुकी रहती हैं। इस पद्धति को खत्म करने के लिए अब विस्तृत एसओपी लागू की गई है। जिसमें हर चरण को तय समय सीमा में पूरा करना अनिवार्य होगा।
आवेदन के दिन ही फाइल पटल सहायक को भेजी जाएगी
उपाध्यक्ष ने बताया कि आवेदन मिलने के दिन ही फाइल संबंधित पटल सहायक को भेजी जाएगी। इसके बाद दो दिन के अंदर फाइल लीज प्लान के लिए नियोजन अनुभाग को जाएगी। अगर स्थल निरीक्षण की जरूरत नहीं होगी, तो तीन दिन के भीतर साइट प्लान तैयार कर लिया जाएगा। स्थलीय रिपोर्ट की जरूरत होने पर संबंधित विभाग दो से पांच दिन के अंदर रिपोर्ट तैयार कर फाइल आगे बढ़ाएंगे।
भुगतान पर रजिस्ट्री सेल तक पहुंचेगी फाइल
इसके बाद कॉस्टिंग अनुभाग को तीन दिन में गणना करनी होगी, जबकि जीएसटी रिपोर्ट दो दिन में प्राप्त करना होगा। योजना सहायक अगले दिन डाक और व्हाट्सएप के जरिए आवंटी को मांग पत्र भेजेगा। भुगतान होते ही फाइल कम्प्यूटर सेल, लेखा अनुभाग और अधिवक्ता के पास से गुजरकर रजिस्ट्री सेल तक पहुंचाई जाएगी। अंत में रजिस्ट्री सेल में आवंटी की मौजूदगी में निबंधन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
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