लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। अब मरीजों को चिकित्सकों की लिखी दवाएं पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं होगी। वह इसे आसानी से समझ सकेंगे। इसके साथ ही दवाओं का प्रिस्क्रिप्शन भी उनके हेल्थ रिकॉर्ड में दर्ज रहेगा। इस सम्बन्ध में शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि लखनऊ में कुल 54 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) हैं। इनमें से 48 यूपीएचसी पर डिजिटल प्रिस्क्रिप्शन की सुविधा शुरू कर दी गयी है। इसे सीधे मरीजों की आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) आईडी से जोड़ा जा रहा है। इससे न सिर्फ दवा लेने में सुविधा होगी, बल्कि मरीजों का रिकॉर्ड भी सुरक्षित रहेगा।
जल्द ही 6 यूपीएचसी पर शुरू होगी सुविधा
सीएमओ ने बताया कि कई बार मरीज और फार्मासिस्ट चिकित्सक की लिखावट नहीं समझ पाते हैंं। ऐसे में दवा का पता लगाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। इसलिए 54 में से 48 यूपीएचसी पर सुविधा शुरू की गयी है। जिसके तहत मरीजों को हाथ से लिखने की जगह दवाओं का विवरण प्रिंट करके दिया जा रहा है। जल्द ही यह सुविधा अन्य 6 यूपीएचसी पर शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही मरीजों को दी जाने वाली दवाओं का रिकॉर्ड रखने के लिए इसे आभा आईडी से जोड़ा जा रहा है। इससे परचा खोने या न लाने की स्थिति में डिजिटल प्रिस्क्रिप्शन देखकर चिकित्सक को यह पता चला जायेगा कि मरीज को क्या दवा लिखी है। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में 108 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आआएम) हैं। जल्द ही इन पर भी यह सुविधा शुरू हो जाएगी।
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