लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश कृषि निदेशालय के निदेशक डॉ. जितेंद्र कुमार तोमर आगामी 30 जून को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। मगर सेवानिवृत्ति से पहले ही उनकी पेंशन फाइल पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। निदेशक द्वारा प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र कुमार को समयपूर्व पेंशन फाइल भिजवाई गई थी, ताकि औपचारिकताएं समय से पूरी हो सकें। लेकिन प्रमुख सचिव ने इस फाइल को फिलहाल लंबित कर दिया है।
प्रमुख सचिव ने कहा कि 30 जून में अभी वक्त है, अतः फाइल पर अभी कोई तत्काल कार्रवाई जरूरी नहीं है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह केवल समय की बात नहीं है, इसके पीछे कृषि निदेशक के कार्यकाल से जुड़ी कई शिकायतें और विवाद भी जुड़े हैं। जानकारी के अनुसार प्रदेश के विभिन्न जिलों व मंडलों में कृषि विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जब-जब जनप्रतिनिधियों द्वारा शिकायतें भेजी गईं, निदेशक डॉ. तोमर ने उन शिकायतों पर या तो जांच नहीं करवाई या जांच को टालते रहे। इससे यह आरोप लगने लगे कि वे दागी अधिकारियों को संरक्षण देने का काम कर रहे हैं।
कुछ जनप्रतिनिधियों ने प्रमुख सचिव को यह भी जानकारी दी कि निदेशक स्तर से की जा रही अनदेखी ‘सेटिंग-गेटिंग’ का हिस्सा है। यही कारण है कि प्रमुख सचिव ने निदेशक की पेंशन फाइल को तत्काल स्वीकार करने के बजाय लंबित कर दिया। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, अब निदेशालय में आई शिकायतों की संख्या, उनकी स्थिति, और जांच की वास्तविकता की समीक्षा की जा रही है। संभव है कि सेवानिवृत्त होने से पूर्व ही निदेशक से जवाब-तलब किया जाए।
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