- चार करोड़ से संवारे गए प्रेक्षागृह का पयर्टन मंत्री ने किया उद्घाटन
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी लखनऊ की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान समेटे राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह पांच साल के लंबे इंतजार के बाद कलाकारों की प्रस्तुतियों के लिए तैयार है। प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने जीर्णोद्धार के बाद शुक्रवार को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस प्रेक्षागृह का उद्घाटन किया। इस दौरान भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की कार्यशालाओं के प्रशिक्षुओं की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। चार करोड़ रुपये से सवारे गए प्रेक्षागृह की बुकिंग अब आमजन करा सकेंगे।
कलाकारों के बैंक खातों में होगा भुगतान
इस मौके पर पर्यटन मंत्री ने इस एतिहासिक इमारत को प्रदेश की सांस्कृतिक चेतना का केंद्र बताया। उन्होंने कहा कि संस्कृति को समाज के अंतिम छोर तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता के अंतर्गत यह प्रेक्षागृह नवजीवन प्राप्त कर रहा है। उन्होंने कहा कि कलाकारों के हित में एक पारदर्शी भुगतान प्रणाली विकसित की जा रही है। इसके अंतर्गत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के पारिश्रमिक का भुगतान सीधे कलाकारों के बैंक खातों में किया जाएगा। साथ ही वरिष्ठ और बुजुर्ग कलाकारों के लिए विशेष पेंशन योजना की तैयारी कर ली गई है। इसका क्रियान्वयन जल्द किया जाएगा। पर्यटन मंत्री ने कहा कि संस्कृति और संगीत को गांव-गांव तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया है, जिससे लोक कलाओं एवं पारंपरिक सांस्कृतिक स्वरूपों को नया जीवन और व्यापक मंच प्राप्त हो सके।
प्रदेश में होंंगी सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं
इस अवसर पर संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने राय उमनाथ बली प्रेक्षागृह की ऐतिहासिक भूमिका को रेखांकित किया और इसे पुनः सांस्कृतिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में देखने की अपेक्षा व्यक्त की। उन्होंने घोषणा की कि उत्तर प्रदेश में ब्लॉक से लेकर जिला स्तर तक सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। विजेताओं को आगामी 'उत्तर प्रदेश दिवस' (UP Diwas) के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा।
ग्रीष्मकालीन कार्यशाला का समापन
इसी क्रम में विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित ग्रीष्मकालीन अभिरुचि कार्यशाला का समापन किया गया। कुलसचिव सृष्टि धवन ने कहा कि यह अवसर विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में भी भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय प्रदेश की सांस्कृतिक उन्नति एवं संरक्षण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी मालिनी अवस्थी, कलाकार, प्रशासनिक अधिकारी आदि मौजूद रहे।
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