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विश्व पर्यावरण दिवस पर IET में वृक्षारोपण, MLA नीरज बोरा बोले-भारतीय संस्कृति में वृक्ष देवतुल्य

डॉ. नीरज बोरा ने कहा कि वृक्ष न केवल जीवनदायिनी हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति में इन्हें देवतुल्य स्थान प्राप्त है। उन्होंने हरिशंकरी वृक्षारोपण की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह परंपरा संस्कृति और पारिस्थितिकी के अद्भुत संगम का प्रतीक है।

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Abhishek Mishra
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विश्व पर्यावरण दिवस पर IET लखनऊ में वृक्षारोपण कार्यक्रम

विश्व पर्यावरण दिवस पर IET लखनऊ में वृक्षारोपण

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लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर गुरुवार को आईईटी, लखनऊ में संस्थान के निदेशक प्रो विनीत कंसल की अध्यक्षता में पर्यावरण संरक्षण एवं सतत विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस विशेष दिन को और भी अधिक प्रेरणादायक बनाने के लिए यह कार्यक्रम वन विभाग के सहयोग से और उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री एवं पर्यावरण संरक्षक योगी आदित्यनाथ के जन्मदिवस के पावन अवसर पर आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री का जीवन संयम, सेवा एवं प्रकृति प्रेम का प्रतीक है, और इसी भावना के अनुरूप संस्थान में आज वृक्षारोपण एवं जनजागरूकता कार्यक्रम संपन्न हुआ।

हरिशंकरी परंपरा को किया जीवंत

कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के ग्राउंड में वृक्षारोपण से हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक डॉ. नीरज बोरा ने पीपल, बरगद और पाकड़ जैसे पर्यावरण के लिए उपयोगी पौधों का रोपण कर हरिशंकरी परंपरा को जीवंत किया। संस्थान के निदेशक प्रो. विनीत कंसल ने उनका स्वागत किया तथा वृक्षारोपण में सहभागिता कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाया।

हरिशंकरी वृक्षारोपण की प्रशंसा 

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डॉ. नीरज बोरा ने कहा कि वृक्ष न केवल जीवनदायिनी हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति में इन्हें देवतुल्य स्थान प्राप्त है। उन्होंने हरिशंकरी वृक्षारोपण की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह परंपरा संस्कृति और पारिस्थितिकी के अद्भुत संगम का प्रतीक है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को जन्मदिवस की शुभकामनाएं देते हुए उनके प्रकृति-प्रेम से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।

विशेष जागरूकता सत्र का आयोजन

कार्यक्रम की दूसरी कड़ी में संस्थान की IEEE स्टूडेंट टीम ने प्रो. नीलम श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में एक विशेष जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। यह सत्र प्लास्टिक प्रदूषण, सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्प्रभाव और अपशिष्ट प्रबंधन पर केंद्रित था। इस सत्र का आयोजन भी मुख्यमंत्री के जन्मदिवस को समर्पित किया गया, जो हमें स्वच्छ, सुरक्षित और समृद्ध उत्तर प्रदेश की ओर प्रेरित करता है।

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हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी पर्यावरण संरक्षण

इस अवसर पर प्रो. विनीत कंसल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी केवल सरकारी नीतियों तक सीमित नहीं है, यह हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने नवाचार, पुन: उपयोग (Reuse) और रीसाइक्लिंग की आवश्यकता पर बल दिया। इसी क्रम में संस्थान में "एक वृक्ष माँ के नाम" अभियान के अंतर्गत भी वृक्षारोपण किया गया, जिससे छात्रों और शिक्षकों ने अपनी भावनाओं को पर्यावरण सेवा से जोड़ने का सुंदर प्रयास किया।

भविष्य की पीढ़ियों को जागरूक करने की आवश्यकता

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मुख्य वक्ता डॉ. प्रदीप कुमार ने प्लास्टिक के अनियंत्रित उपयोग से उत्पन्न पर्यावरणीय संकटों पर प्रकाश डाला और भविष्य की पीढ़ियों को जागरूक करने हेतु निरंतर अभियान चलाने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम में प्रो. सुबोध वारिया, प्रो. अरुण कुमार, विभागाध्यक्ष, कुलसचिव डॉ. प्रदीप बाजपाई सहित संस्थान के प्राध्यापक, अधिकारी, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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