लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी के सबसे व्यस्त चौराहों में शामिल पालीटेक्निक चौराहा इन दिनों ट्रैफिक जाम की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। खासतौर पर सुबह 9 बजे से 10 बजे के बीच इस चौराहे की स्थिति इतनी भयावह हो जाती है कि लोगों का समय पर दफ्तर या स्कूल पहुंच पाना मुश्किल हो जाता है। सैकड़ों वाहन रेंगते हुए आगे बढ़ते हैं और लोग सड़क पर जाम में फंसे होकर झुंझलाते नजर आते हैं। यह समय इधर से आने व जाने वाले लोगों को हर दिन झेलना पड़ रहा है।
ट्रैफिक पुलिस की सारी कोशिश हो जाती है बेकार
जानकारी के लिए बता दें कि इस एक घंटे की अवधि में पालीटेक्निक चौराहे पर चारों दिशाओं से आने वाले वाहन जब एक ही समय पर यहां पहुंचते हैं, तो सड़कों पर भीषण जाम की स्थिति बन जाती है। मुंशीपुलिया, भूतनाथ, अयोध्या रोड, और आस-पास के रिहायशी इलाकों से निकलने वाली गाड़ियों का दबाव इतना अधिक होता है कि ट्रैफिक पुलिस की सभी कोशिशें नाकाफी साबित होती हैं। चूंकि इस बीच आटों व ई रिक्शा की भरमार हो जाती है। जिसकी वजह से जाम लगने की समस्या और ही बढ़ जाती है।
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ऑफिस और स्कूल का समय बनता है बड़ी वजह
सुबह 9 से 10 बजे का समय शहर में स्कूल और ऑफिस जाने वालों की चहलकदमी का प्रमुख समय होता है। इस समय पर स्कूल बसें, ऑटो, बाइक, निजी गाड़ियां, सरकारी वाहन, और कैब सर्विस सभी एक साथ सड़कों पर उतरते हैं। ऐसे में पालीटेक्निक चौराहा, जो कई मुख्य मार्गों को जोड़ता है, वहां ट्रैफिक का दबाव अपने आप ही बढ़ जाता है। स्थिति यह होती है कि 500 मीटर की दूरी तय करने में 15 से 20 मिनट तक का समय लग जाता है। सड़क के दोनों ओर गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें लगी होती हैं और ट्रैफिक सिग्नल के पास रुकावटें भी देखने को मिलती हैं। कभी रेड लाइट पर कार्यरत ट्रैफिक सिग्नल खराब हो जाता है, तो कभी वाहन चालक ट्रैफिक नियमों को ताक पर रखकर अव्यवस्था बढ़ा देते हैं।
ट्रैफिक सिपाही मुस्तैद, मगर हालात बेकाबू
हालांकि पालीटेक्निक चौराहे पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी सुबह के वक्त मुस्तैद रहते हैं और लगातार प्रयास करते हैं कि जाम जल्द खत्म कराया जाए, लेकिन गाड़ियों की संख्या के आगे उनकी व्यवस्था कहीं ना कहीं कमजोर पड़ जाती है। बेतरतीब पार्किंग, बायां मोड़ घेरे खड़े वाहन और फुटपाथ पर अतिक्रमण जैसी समस्याएं स्थिति को और गंभीर बना देती हैं।एक ट्रैफिक कर्मी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि वह अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभा रहे हैं, लेकिन ई रिक्शा व आटो की भरमार के चलते सबसे अधिक जाम लग जाता है। जब तक ई रिक्शा व आटो को इस बीच प्रतिबंधित नहीं किया जाता है तब तक जाम की समस्या से छुटकारा पाना मुश्किल है। जब तक सड़कें चौड़ी नहीं होतीं या वैकल्पिक मार्ग तैयार नहीं किए जाते, तब तक इस चौराहे पर जाम की समस्या से निजात पाना मुश्किल है।
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स्थानीय लोगों की परेशानी औरउनका सुझाव
पालीटेक्निक के पास स्थित कॉलोनियों में रहने वाले लोग इस समस्या से बेहद परेशान हैं। यहां के रहने वाले गुड्डू, हरिशंकर तिवारी, अधिवक्ता राम प्रकाश का कहना है कि हर सुबह जब वे अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने या स्वयं दफ्तर निकलते हैं, तो सड़क पर जाम में फंसना तय है। कई बार लोग वैकल्पिक रास्तों का भी इस्तेमाल करते हैं, लेकिन वहां भी ट्रैफिक दबाव बढ़ जाता है।लोगों का सुझाव है कि पालीटेक्निक चौराहा लखनऊ का एक अहम ट्रैफिक पॉइंट है, जहां से हजारों वाहन प्रतिदिन गुजरते हैं। ऐसे में जरूरत है कि जिला प्रशासन और ट्रैफिक विभाग मिलकर कोई स्थायी समाधान निकाले। सड़क चौड़ीकरण, स्मार्ट सिग्नलिंग सिस्टम, स्कूली बसों के लिए अलग लेन और प्रतिबंधित समय में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक जैसे कदम तत्काल उठाए जाने की आवश्यकता है।