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निजीकरण के खिलाफ महापंचायत की तैयारी तेज,  202वें दिन जारी रहा बिजली कर्मियों का आंदोलन

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुने ने कहा कि बिजली दरें बढ़ाने के प्रस्ताव से किसान, गरीब उपभोक्ता सकते में आ गये हैं। 22 जून को बिजली महापंचायत में किसान, मजदूर और उपभोक्ता एक साथ आकर व्यापक जन आन्दोलन का फैसला लेंगे।

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Deepak Yadav
electricity privatisaton protest

निजीकरण के खिलाफ महापंचायत की तैयारी तेज Photograph: (YBN)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। बिजली दरें बढ़ाने के प्रस्ताव से गर्माये महौल के बीच विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बिजली महापंचायत की तैयारी तेज कर दी है। समिति ने पावर कारपोरेशन प्रबन्धन पर आरोप लगाया कि हजारों बिजली कर्मियों का स्थानांतरण कर भीषण गर्मी में बिजली व्यवस्था को पटरी से उतारने का काम किया है। आज लगातार 202वें दिन बिजली कर्मियों ने प्रदेश भर में निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन जारी रखा। 

निजीकरण से तीन गुणा बढ़ जाएंगे बिजली के दाम

समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि पावर कारपोरेशन ने नियामक आयोग में दरों में बेतहाशा वृद्धि का प्रस्ताव देकर साबित कर दिया कि निजीकरण के बाद बिजली के दाम तीन गुणा तक बढ़ जायेंगे। उन्होंने कहा कि 44 हजार करोड़ रुपये आरडीएसएस योजना में खर्च करने के बाद पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ कर कौड़ियों के मोल निजी घरानों को बेचने की साजिश है। निजी घरानों को मुनाफा दिलाने के लिए ही बिजली दरों में 45 प्रतिशत तक वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया है। 

महापंचायत में किसान, मजदूर व उपभोक्ता होंगे एकजुट

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समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि बिजली दरें बढ़ाने के प्रस्ताव से किसान, गरीब उपभोक्ता सकते में आ गये हैं। वह खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। 22 जून को होने वाली बिजली महापंचायत में किसान, मजदूर और उपभोक्ता एक साथ आकर व्यापक जन आन्दोलन का फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि पावर कारपोरेशन ने करीब 1500 से अधिक अभियन्ताओं का ट्रांसफर किया है। लगभग इतने ही जूनियर इंजीनियर इधर से उधर किए गए हैं। तृतीय श्रेणी के छोटे कर्मचारियों का हजारों की संख्या में दूर दराज के स्थानों पर तबादला कर दिया गया है।

यूपीपीसीएल अध्यक्ष ने सुनाया तुगलगी फरमान 

संयोजक ने कहा कि पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष ने वीडिया कॉफ्रेंसिंग के जरिये फरमान सुनाया कि सभी स्थानान्तरित कर्मचारियों और अधिकारियों को आज ही बिना प्रतिस्थानी के कार्यमुक्त कर दिया जाये। उन्होंने कहा कि जहां बिजली कर्मी विगत 7 महीनों से आन्दोलन करते हुए भी बिजली व्यवस्था को सामान्य बनाये हुए थे। वहीं पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन के इस कदम से बिजली व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। 

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202वें दिन विरोध प्रदर्शन जारी

निजीकरण के विरोध में लगातार 202वें दिन प्रदेश भर में बिजली कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा। आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, हरदुआगंज, जवाहरपुर, परीक्षा, पनकी, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध प्रदर्शन किया गया।

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