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Railway News: केंद्र सरकार द्वारा लागू किए जा रहे श्रम कानूनों के विरोध में उतरे रेलवे कर्मचारी

वाराणसी मंडल के एन. ई. रेलवे मेंस कांग्रेस ने धरना-प्रदर्शन कर जताया विरोध। श्रम कानूनों को बताया कर्मचारी विरोधी। कहा-पुरानी पेंशन योजना लागू करे सरकार। नौ जुलाई को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई राष्‍ट्रव्‍यापी आम हड़ताल को भी समर्थन दिया।

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Vivek Srivastav
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श्रम कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करते रेलवे कर्मी। Photograph: (वाईबीएन)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। केंद्र सरकार द्वारा लागू किए जा रहे श्रम कानूनों के विरोध में एन. ई. रेलवे मेंस कांग्रेस, वाराणसी मंडल ने मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, पूर्वोत्‍तर रेलवे वाराणसी में धरना-प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलंद की। धरना-प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने लागू किए जा रहे श्रम कानूनों को कर्मचारी विरोधी बताया और नौ जुलाई को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई राष्‍ट्रव्‍यापी आम हड़ताल को भी समर्थन दिया।

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रेलवे को निजी क्षेत्र को देने का प्रयास

संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष व इंडियन रेलवे फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश पाण्डेय ने लागू किए जा रहे श्रम कानूनों पर रोष जताते हुए कहा कि यह पूर्णतया कर्मचारी विरोधी हैं और इनसे कर्मचारी का केवल नुकसान होना है, कोई फायदा नहीं। उन्‍होंने कहा कि जिस तरह से रेलवे में प्रतिवर्ष 2% कर्मचारियों की कमी की जा रही है, वह एक धीमे जहर की तरह है, जो आम जनता के संसाधन और देश की जीवन रेखा कही जाने वाली रेलवे को निजी क्षेत्र की तरफ धकेलने का कुत्सित प्रयास है। 
एन. ई. रेलवे मेंस कांग्रेस  वाराणसी मंडल के मंडल मंत्री राकेश पाल ने कहा कि एन. ई. रेलवे मेंस कांग्रेस हर कर्मचारी के मान सम्मान की रक्षा हेतु हमेशा तत्पर रहेगा और रेल कर्मियों का उत्पीड़न किसी भी हाल में बर्दाश्त नही किया जाएगा। मंडल अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि रेलवे में मानव संसाधन की कमी के कारण रेल कर्मियों को अतिरिक्‍त कार्य के बोझ से दबाया जा रहा है। इससे रेलकर्मी मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं और आए दिन हादसों का शिकार बन रहे हैं। I  

यूपीएस कर्मचारी विरोधी स्कीम है

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संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता दुर्गेश पाण्डेय ने कहा कि मौजूदा फेडरेशन के मुखिया द्वारा सरकार की चाटुकारिता करते हुए यूपीएस जैसी कर्मचारी विरोधी स्कीम को स्वीकार किया जाना निंदनीय है। यह कर्मचारियों के साथ विश्वासघात है, किसी भी कीमत पर सरकार को पुरानी पेंशन बहाल करना होगा, रेल कर्मचारियों की बुढ़ापे की लाठी पुरानी पेंशन स्कीम ही है, जिसे तत्काल लागू करना सरकार की संवैधानिक जिम्मेवारी है। उन्‍होंने कहा कि सरकार द्वारा ऐसी पेंशन योजनाएं जबरदस्ती थोपी जा रही हैं, जिससे कि कर्मचारी खुद ही समय से पहले रेल सेवा से त्यागपत्र दे दे।
मंच संचालन कर रहे एन. ई. रेलवे मेंस कांग्रेस के महामंत्री अब्दुल शेख, उपाध्यक्ष गोपीनाथ उपाध्याय, महेंद्र दूबे तथा संयुक्त केंद्रीय मंत्री अभिषेक चतुर्वेदी  ने सभी मंडलीय पदाधिकारी एवं उपस्थित केंद्रीय पदाधिकारियों एवं सभी एसोसिएशन को धन्यावाद ज्ञापित किया। इस मौके पर उपाध्यक्ष इन्द्रजीत उपाध्याय, भारतेंदु शेखर पाण्डेय, सहायक मंडल मंत्री मिथिलेश भारती, देवानंद यादव, धनंजयकांत श्रीवास्तव, राजपति, सत्य प्रकाश यादव, पवन सिंह, संजय यादव, जय प्रकाश, आदित्य भंडारी, जितेंद्र यादव, अमित मिश्र (चिकित्सालय शाखा) शशिकांत तिवारी, रणजीत उपाध्याय, दिलीप जायसवाल, अभिषेक दूबे एवं महिला शाखा से श्रीमती आशा शर्मा के नेतृत्व में शिखा भट्टाचार्य, पूनम, लक्ष्मी सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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