Advertisment

संघर्ष समिति का आरोप : सलाहकार कंपनी के साथ निदेशक वित्त की मिलीभगत, निजीकरण के नाम पर बड़ा भ्रष्टाचार

संघर्ष समिति के अनुसार, ग्रांट थार्नटन के झूठा शपथ पत्र देने के मामले में अंतरराष्ट्रीय संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया के कार्यकारी निदेशक श्री रमानाथ झा की ओर से 15 मई को मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र को भी दबा दिया गया।

author-image
Deepak Yadav
एडिट
electricity privatisation in up

संघर्ष समिति का आरोप, ग्रांट थार्नटन के साथ निदेशक वित्त की मिलीभगत Photograph: (YBN)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण प्रकिया में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है। समिति का कहना है कि निदेशक वित्त के पद पर निधि नारंग को तीसरी बार सेवा विस्तार देना साजिश का हिस्सा है। इसमें निजीकरण का मसौदा तैयार करने वाली दागी सलाहकार कंपनी ग्रांट थार्नटन के साथ मिलीभगत शामिल है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल रोकी जाए। 

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल का पत्र दबाने का आरोप

संघर्ष समिति के अनुसार, ग्रांट थार्नटन के झूठा शपथ पत्र देने और अमेरिका में पेनल्टी लगाए जाने के मामले में अंतरराष्ट्रीय संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया के भारत में कार्यकारी निदेशक श्री रमानाथ झा ने 15 मई को मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर इस मामले को उठाया था। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के पत्र को भी दबा दिया गया। समिति ने मुख्यमंत्री को ट्रांसपेरेसी इंटरनेशनल के पत्र की प्रतिलिपि संलग्न करते हुए भ्रष्टाचार के इस मामले पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। 

शक्ति भवन में भ्रष्टाचार का खेल

समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने आरोप लगाया कि निदेशक वित्त निधि नारंग ने ग्रांट थार्नटन को बचाने के लिए पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष के साथ मिलकर हितों के टकराव से जुड़ा प्रावधान हटा दिया। झूठा शपथ पत्र देने और अमेरिका में पेनल्टी लगाए जाने के बावजूद निधि नारंग को तीसरी बार सेवा विस्तार मिला और उन्होंने सलाहकार कंपनी को क्लीन चिट दे दी। अब निधि नारंग कंपनी को सितंबर 2024 वाला बड़ा टेंडर दिलाने में लगे हुए हैं। शक्ति भवन के शीर्ष प्रबंधन में भ्रष्टाचार का यह खेल इसलिए चल रहा है क्योंकि पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण में कुछ चुनिंदा कारपोरेट घरानों के साथ बड़ी डील पहले ही हो चुकी है।

भ्रष्टाचार उजागर करने की चेतावनी

पदाधिकारियों के अनुसार, शुरू से ही पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष निजीकरण करने के लिए घाटे के झूठे आंकड़े पेश कर रहे हैं। समिति ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष के सामने पीपीटी प्रेजेंटेशन देकर इन गलत आंकड़ों का विरोध किया था, जिसे अध्यक्ष ने स्वीकार करते हुए कहा था कि वे पीपीटी का अध्ययन करके आगे वार्ता करेंगे। लेकिन आज तक कोई वार्ता नहीं हुई है। यदि पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष केवल धमकी और दमन की भाषा बोलते रहे और आंकड़ों के आधार पर बात नहीं की तो समिति सही आंकड़े लेकर सभी सांसदों, विधायकों और जनता के बीच जाकर निजीकरण के पीछे चल रहे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने को बाध्य होगी।

185वें दिन भी प्रदर्शन जारी

Advertisment

निजीकरण के विरोध में आज लगातार 185वें दिन प्रदेश के सभी जनपदों और परियोजनाओं पर व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी रहा। आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, हरदुआगंज, जवाहरपुर, परीक्षा, पनकी,ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध प्रदर्शन किया गया।

यह भी पढ़ें : अश्लील वीडियो कांड में नया खुलासा : मंत्री जयवीर सिंह बोले- आरोपित की मां BJP नेत्री नहीं, अखिलेश यादव को दी ये नसीहत

यह भी पढ़ें- विश्व तंबाकू निषेध दिवस : देश में धूम्रपान से हर साल 12 लाख लोगों की मौत, 2.2 करोड़ किशोर गिरफ्त में

Advertisment

यह भी पढ़ें :Crime News:बिना नंबर प्लेट की कार से भाग रहा था बदमाश, मुठभेड़ में हुआ घायल

Advertisment
Advertisment