लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को यूपी पुलिस का नया कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया है। अभी कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक रहे प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार नहीं मिला है।सन् 1991 बैच के आइपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण अभी तक डीजी विजिलेंस के पद पर तैनात रहे। राजीव कृष्ण पाचवें कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक बनाये गये हैं। उन्होंने रात करीब 9 बजे डीजीपी का कार्यभार ग्रहण कर लिया।राजीव कृष्ण 11 वरिष्ठ आईपीएस अफसरों को सुपरसीड कर डीजीपी बनाए गए हैं।
राजीव कृष्ण 1991 में भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए
राजीव कृष्ण यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने 1989 में आईआईटी रुड़की से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक किया और 1991 में भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए। उन्होंने एसपी फिरोजाबाद, एसपी फतेहगढ़, एसएसपी इटावा, एसएसपी मथुरा, एसएसपी बुलंदशहर, एसएसपी नोएडा, एसएसपी आगरा, एसएसपी लखनऊ, डीआईजी लखनऊ और आईजी मेरठ के रूप में कार्य किया है। वे एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्ता) के संस्थापक प्रमुख थे, जब 26 नवंबर 2007 को यूपी की अदालतों में हुए ट्रिपल ब्लास्ट के मद्देनजर इसकी स्थापना की गई थी। यूपी एटीएस ने भारत भर में कई बम विस्फोटों के लिए जिम्मेदार इंडियन मुजाहिदीन के गुर्गों को बेअसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आईजी जम्मू फोर्ट के रूप में कार्य किया
वह 2012 में बीएसएफ में शामिल हुए और आईजी जम्मू फोर्ट के रूप में कार्य किया। उन्होंने 2013 से 2017 तक 4 साल के लिए बीएसएफ के महानिरीक्षक (संचालन) के रूप में कार्य किया है। उन्होंने रडार, कैमरा, पानी के नीचे सेंसर, भूमिगत सेंसर और हवाई सेंसर सहित 7 विभिन्न प्रकार के सेंसर के एकीकरण से युक्त एक व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (CIBMS) के डिजाइन, विकास और कार्यान्वयन का नेतृत्व किया। इसके परिणामस्वरूप सीमाओं पर घुसपैठ की आशंका वाले क्षेत्रों की रखवाली में पीढ़ीगत बदलाव आया। जनवरी 2017 से सितंबर 2019 तक एडीजी जोन लखनऊ और एडीजी जोन आगरा के रूप में अपनी पिछली पोस्टिंग में वे यूपी के 19 जिलों में पुलिसिंग की निगरानी के लिए जिम्मेदार थे।
कार्यवाहक डीपीजी के रूप में आज पदभार ग्रहण किया
वर्तमान में वे यूपीपीआरपीबी के अध्यक्ष की अतिरिक्त जिम्मेदारी के साथ यूपी सरकार में सतर्कता निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने यूपीपी में हाल ही में संपन्न 60244 कांस्टेबलों की भर्ती का रणनीतिक नेतृत्व और दोषरहित निष्पादन प्रदान किया। उन्होंने शनिवार को कार्यवाहक डीजीपी यूपी का पदभार ग्रहण किया है। उन्हें वर्ष 2002 में वीरता के लिए पुलिस पदक, वर्ष 2009 में वीरता के लिए पुलिस पदक और वर्ष 2015 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। उन्हें वर्ष 2007 में सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया।
राजीव कृष्णा प्रदेश के पांचवें कार्यवाहक डीजीपी बनाए गए
बता दें कि मूल रूप से गौतमबुद्धनगर के निवासी है। राजीव कृष्ण 11 वरिष्ठ आईपीएस अफसरों को सुपरसीड कर डीजीपी बनाए गए हैं। वर्ष 1989 बैच के शफी अहसान रिजवी, आशीष गुप्ता, आदित्य मिश्रा, वर्ष 1990 बैच के संदीप सालुंके, दलजीत सिंह चौधरी, रेणुका मिश्रा, बिजय कुमार मौर्य, एमके बशाल, तिलोत्तमा वर्मा, वर्ष 1991 बैच के आलोक शर्मा और पीयूष आनंद समेत 11 वरिष्ठ आईपीएस अफसरों को सुपरसीड कर डीजीपी बनाए गए है। बता दें कि राजीव कृष्णा प्रदेश के पांचवें कार्यवाहक डीजीपी बनाए गए हैं। इससे पहले डीएस चौहान, आरके विश्वकर्मा, विजय कुमार, प्रशांत कुमार कार्यवाहक बनाए गए थे। इसकी वजह राज्य सरकार द्वारा बीते करीब तीन वर्ष से संघ लोक सेवा आयोग को पैनल नहीं भेजा जाना है।
आईपीएस प्रशांत को नहीं मिला विस्तार
शनिवार को पूरे दिन प्रशांत कुमार का सेवा विस्तार होने की अटकलें लगती रहीं। देर शाम तक प्रशांत कुमार द्वारा डीजीपी पद का कार्यभार नहीं छोड़ने पर इन अटकलों को बल मिलता गया, हालांकि रात करीब आठ बजे राजीव कृष्णा को डीजीपी बनाने की घोषणा कर दी गई। देर शाम प्रशांत कुमार, राजीव कृष्णा और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट कर उन्हें पुलिस विभाग की कॉफी टेबिल बुक भेंट की।
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