लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश पंचायतीराज विभाग ग्रामीण सफाई कर्मियों की सेवानियमावली बनाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई के लिए तैनात एक लाख सफाई कर्मियों को इससे बड़ी राहत मिलने वाली है। अभी सेवानियमावली न होने से उन्हें स्थानांतरण और पदोन्नति जैसी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। सफाई कर्मियों की मांग पर विभाग की ओर से संयुक्त निदेशक (प्रशासन) एसएन सिंह की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी 15 दिनों में सेवानियमावली पर अपनी संस्तुति व आख्या शासन को देगी। फिर उसके आधार पर आगे सफाई कर्मियों को सुविधाएं मिल सकेंगी।
2008 में 1.08 लाख ग्रामीण सफाई कर्मियों हुई थी भर्ती
वर्ष 2008 में पंचायतीराज विभाग ने 1.08 लाख ग्रामीण सफाई कर्मियों के स्थाई पदों पर भर्ती की थी। चतुर्थ श्रेणी के इन पदों पर भर्ती के बाद इनकी सेवानियमावली नहीं बनाई गई। सफाई कर्मी एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरण और पदोन्नति जैसी सुविधाएं न मिलने के कारण लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। बीते 16 वर्षों से उन्हें एक भी प्रोन्नति नहीं मिल पाई। अभी वर्तमान में करीब एक लाख ग्रामीण सफाई कर्मी कार्यरत हैं।
सेवा शर्तें होंगी तय
अब सेवा नियमावली बनने से कर्मचारियों की सेवा की शर्तें तय होंगी। वहीं अवकाश के नियम भी तय किए जाएंगे। यही नहीं आचारण के लिए नियम जैसे उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। वहीं अनुशासन की शर्तें तय होंगी। यदि कोई कर्मचारी नियमावली का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकेगी। अभी अधिकारी मनमाने ढंग से इनके खिलाफ कार्रवाई करते हैं। आगे नियमानुसार कर्मचारियों को उनका पक्ष रखने का अवसर भी मिलेगा। उत्तर प्रदेश पंचायतीराज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ के महामंत्री रामेंद्र श्रीवास्तव कहते हैं कि फिलहाल ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को इससे बड़ी राहत मिलेगी। वर्षों पुरानी हमारी मांग पूरी होगी।
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