लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। टीईटी और सीटीईटी उत्तीर्ण शिक्षामित्रों ने मंगलवार को राजधानी लखनऊ के इको गार्डन में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदेशभर से जुटे इन शिक्षामित्रों का कहना है कि वे बीते कई वर्षों से बेहद कम मानदेय पर कार्य कर रहे हैं, जबकि वे सहायक अध्यापक के लिए निर्धारित सभी शैक्षिक योग्यता और परीक्षा को पास कर चुके हैं।
25 वर्षों से सेवा में पर अधिकार से दूर
शिक्षामित्र प्रोत्साहन समिति उत्तर प्रदेश के नेतृत्व में चल रहे इस धरने में प्रदेश अध्यक्ष गुड्डू सिंह ने कहा की हम पिछले करीब ढाई दशक से शिक्षा विभाग में लगातार सेवाएं दे रहे हैं। जहां शिक्षक कार्यभार संभालने से इनकार करते हैं, वहां शिक्षामित्र डटकर जिम्मेदारी निभाते हैं। फिर भी हमारा योगदान नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 50 हजार से अधिक शिक्षामित्र ऐसे हैं जो टीईटी और सीटीईटी जैसी आवश्यक परीक्षाएं पास कर चुके हैं, लेकिन उन्हें अब तक सहायक अध्यापक के रूप में स्थायी नियुक्ति नहीं मिल पाई है।
मजदूरी से भी कम मानदेय
प्रदर्शनकारी शिक्षामित्रों का कहना है कि उन्हें केवल दस हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जा रहा है, जो न्यूनतम मजदूरी से भी कम है। उनका आरोप है कि सरकार एनसीटीई (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) की गाइडलाइंस के बावजूद उन्हें नजरअंदाज कर रही है शिक्षामित्रों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनकी मांगों पर सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
यह भी पढ़ें- International Film City : बोनी कपूर ने सौंपा लेआउट प्लान, जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य
यह भी पढ़ें- जनता दर्शन : CM Yogi बोले-जन समस्याओं के निस्तारण में न हो तनिक भी लापरवाही
यह भी पढ़ें- ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ जी की जयंती पर विशेष : 'जिसको सबका नाथ बनाना होता है भगवान उसे अनाथ बना देते'