लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। प्रचंड गर्मी के बीच लखनऊ समेत प्रदेश के 19 जिलों के बिजली उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम (MVVNL) के इन जिलों में हेल्पलाइन नंबर 1912 की सुविधा अब प्रभावी नहीं रह गई है। इस हेल्पलाइन के जरिए उपभोक्ताओं को बिजली जाने की शिकायत पर फीड बैक मिलता था, लेकिन अब यह सुविधा बंद कर दी गई है। इस फैसले से एक करोड़ उपभोक्ताओं को झटका लगा है।
सेवा संचालन पर करोड़ों का खर्च
हेल्पलाइन 1912 की शुरुआत इसलिए की गई थी ताकि उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति संंबंधी शिकायत दर्ज कराने के लिए बिजली उपकेंद्र के चक्कर न लगाने पड़ें और वे घर बैठे ही अपनी समस्या की जानकारी दे सकें। इस व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए हर माह करोड़ों रुपये खर्च किए जाते है। एक पाली में करीब 120 कर्मचारी इस सेवा को संभालते हैं। पहले उपभोक्ताओं को बिजली जाने की जानकारी, आपूर्ति बहाल होने का संभावित समय और समाधान की स्थिति फोन या मैसेज के जरिए मिल जाया करती थी। लेकिन अब यह प्रकिया समाप्त कर दी है।
अब शिकायत दर्ज होगी, फीडबैक नहीं मिलेगा
अधिकारियों का कहना है कि हेल्पलाइन पर शिकायतों की संख्या अत्यधिक बढ़ गई थी और उन पर उल्टे सीधे कमेंट आ रहे थे। जिसके चलते यह निर्णय किया गया। अब उपभोक्ताओं की शिकायतें तो 1912 नंबर पर दर्ज की जाएंगी, लेकिन आपसे पूछा नहीं जाएगा और समस्या निस्तारित कर दी जाएगी। उपभोक्ता बिजली आपूर्ति, मीटर, बिलिंग और स्मार्ट मीटर से जुड़ी समस्या की शिकायत अभी भी 1912 पर कर सकते हैं। लेकिन अब उन्हें यह नहीं बताया जाएगा कि उनकी समस्या का निस्तारण में कितना समय लगेगा। पहले उपभोक्ता बिजली मित्र के माध्यम से शिकायत कर सकते थे, लेकिन अब उन्हें यूपीपीसीएल की वेबसाइट पर जाकर बिजली मित्र का चयन कर शिकायत दर्ज करनी होगी।
निदेशक देंगे सेवा बंद होने की जानकारी
एमवीवीएनएल की जनसंपर्क अधिकारी शालिनी यादव ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर 1912 के माध्यम से वर्तमान में उपभोक्ताओं को आधा दर्जन से अधिक सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। सभी पर फीडबैक दिया जार रहा है। केवल बिजली आपूर्ति से जुड़ी शिकायतों पर ही फीड बैक सुविधा बंद की गई है। हेल्पलाइन के काॅल सेंटर में तकनीकी खामी भी हो सकती है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी निगम के निदेशक (कामर्शियल) देंगे।
मध्यांचल के 19 जिले
लखनऊ, बाराबंकी, सीतापुर, गोंडा, अमेठी, रायबरेली, अयोध्या, सुलतानपुर, अंबेडकरनगर, हरदोई, लखीमपुर खीरी, बदायूं, बरेली, बलरामपुर, श्रावस्ती, पीलीभीत, उन्नाव, बहराइच और शाहजहांपुर।
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