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2500₹ के स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर 6016 की वसूली : उपभोक्ता परिषद ने कहा- खरीद ऑर्डर सार्वजनिक करे UPPCL

यूपी में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की ज्यादा कीमत लिए जाने को लेकर उठ रहे सवाल थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। उपभोक्ता परिषद ने आरोप लगाया कि महज ढाई हजार रुपये में मीटर खरीदकर उपभोक्ताओं से 6016 रुपये लिए जा रहे हैं।

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Deepak Yadav
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2500 के स्मार्ट प्रीपेट मीटर पर 6016 की वसूली Photograph: (Google)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की ज्यादा कीमत लिए जाने को लेकर उठ रहे सवाल थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। उपभोक्ता परिषद ने आरोप लगाया कि महज ढाई हजार रुपये में मीटर खरीदकर उपभोक्ताओं से 6016 रुपये लिए जा रहे हैं। नियामक आयोग को अंधेरे में रखकर पावर कॉरपोरेशन नए कनेक्शन के साथ स्मार्ट प्रीपेड मीटर के नाम पर करोड़ों रुपये वसूल चुका है। परिषद ने मांग उठाई कि पावर कॉरपोरेशन मीटर खरीद के आर्डर सार्वजनिक करे, जिससे सच्चाई सामने आ सके। 

पावर कारपोरेशन ने नियामक आयोग से छिपाई जानकारी

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्ष 2019 में कास्ट डाटा बुक में सिंगल फेस प्रीपेड मीटर की कीमत 6016 तय की गई थी, लेकिन जनवरी 2024 तक यह दर घटकर 3510 रुपये हो गई। इसी तरह थ्री फेस मीटर की कीमत 2019 में 11,341 से घटकर 2023 में 6,059 हो गई थी। पावर कारपोरेशन ने दोनों बदलाव की जानकारी नियामक आयोग को नहीं दी। 

यूपी में प्रीपड मीटर की कीमत अन्य राज्यों के ज्यादा क्यों? 

परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि आयोग ने 17 अक्टूबर को पावर कारपोरेशन की ओर से तय की गई स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कीमतों को अवैध करार दिया था। इसके बावजूद उपभोक्ताओं से धड़ल्ले से अधिक दाम वसूले जा रहे हैं। वर्मा ने आरोप लगाया कि पावर कॉरपोरेशन आधी अधूरी जानकारी के आधार पर अभी तक करोड़ों रुपये की वसूल चुका है। उन्होंने सवाल उठाया कि अन्य राज्यों में प्रीपेड मीटर की कीमत कम है तो यूपी में इतनी अधिक क्यों हैं?

इन राज्यों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर सस्ता

परिषद अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र में जो स्मार्ट प्रीपेड मीटर 2610 रुपये में लगाया जा रहा है उसके लिए यूपी में 6016 रुपये लिए जा रहे हैं। इसी तरह राजस्थान में ढाई हजार रुपये, कर्नाटक में (जीएसटी सहित) 4998 रुपये, जबकि मीटर की वास्तविक दर लगभग तीन हजार रुपये है। वर्मा ने बताया कि असम में दर थोड़ी अधिक है, लेकिन मामला विवादों में है। महाराष्ट्र में मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन के तहत जारी बिजली दरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दर में कुछ अंतर आ रहा है, यह मामला भी विवादों में है।

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परिषद की नियामक आयोग से मांगें

  • विद्युत नियामक आयोग तुरंत इस प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराए।
  • 6016 रुपये की अवैध वसूली पर रोक लगाकर उपभोक्ताओं से वसूली गई रकम वापस की जाए।
  • स्मार्ट प्रीपेड मीटर की वास्तविक दर आयोग पुनः निर्धारित करे।

 Smart Prepaid Meter | UPRVUP | Avadhesh Verma 

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