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Crime News:गोरखपुर में छात्र दीपक की हत्या से मचा बवाल, गांव में मातम, पुलिस पर पथराव, एडीजी अमिताभ यश मौके पर पहुंचे

गोरखपुर का यह मामला सिर्फ एक गांव की त्रासदी नहीं, बल्कि सवाल है प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था पर। जहां एक 20 वर्षीय छात्र, जो डॉक्टर बनने का सपना देख रहा था, खुलेआम पशु तस्करों की गोली का शिकार बन गया।

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Shishir Patel
Gorakhpur Murder Case

छात्र की मौत के बाद गोरखपुर में मचा बवाल ।

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।  यूपी के गोरखपुर जिला सोमवार रात से ही गम और गुस्से की आग में झुलस रहा है। पिपराइच इलाके के जंगल छात्रधारी (महुआ चाफी टोला) गांव में पशु तस्करों ने नीट की तैयारी कर रहे 20 वर्षीय छात्र दीपक गुप्ता की हत्या कर दी। गोली मारने के बाद हत्यारों ने उसकी तस्वीर उसके ही मोबाइल से खींचकर व्हाट्सएप स्टेटस पर डाल दी। तस्वीर परिजनों और दोस्तों तक पहुंची तो पूरे गांव में सनसनी फैल गई।

घटना के बाद भड़के लोग किया तोड़फोड़ 

घटना के बाद से ही गांव में तनाव का माहौल है। जगह-जगह पथराव, तोड़फोड़ और विरोध-प्रदर्शन हुआ। पुलिस प्रशासन ने हालात को संभालने के लिए भारी फोर्स और पीएसी तैनात की, जबकि शासन ने देर शाम एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश को तत्काल गोरखपुर भेजा। उन्होंने देर रात गांव पहुँचकर परिजनों से मुलाकात की और हर संभव न्याय का भरोसा दिलाया।

वारदात की रात, तस्करों से टकराया था दीपक

सोमवार रात करीब 11:30 बजे दो पिकअप वाहनों से 10–12 की संख्या में पशु तस्कर गांव में दाखिल हुए। एक पिकअप में जानवर भरे थे, जबकि दूसरी गाड़ी में हथियारबंद लोग बैठे थे। दीपक ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की, तो तस्कर आगे निकल गए। लेकिन जैसे ही दीपक स्कूटी से निकला, तस्करों ने उसकी गाड़ी को टक्कर मारकर गिरा दिया और गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया।दीपक गुप्ता का सपना था कि वह डॉक्टर बने। वह लगातार नीट की तैयारी कर रहा था। लेकिन कुछ हथियारबंद तस्करों की गोली ने न सिर्फ उसका जीवन छीन लिया, बल्कि उसके माता-पिता के सपने भी तोड़ दिए।

दीपक का शव गांव पहुंचते ही कोहराम

मंगलवार शाम पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही दीपक का शव एंबुलेंस से गांव पहुंचा, माहौल शोक और आक्रोश से भर गया। मां सीमा बेहोश होकर गिर पड़ीं, छोटे भाई सुरेंद्र की दहाड़ें सुनकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। पिता दुर्गेश गुप्ता, जो पेशे से कंपाउंडर हैं, बार-बार यही कहते रहे ,मेरा दीपक मुझे छोड़कर क्यों चला गया? उसने तो डॉक्टर बनने का सपना देखा था। गांव की गलियों में सन्नाटा और मातम का माहौल पसरा रहा। महिलाएं और बच्चे चीख-चीखकर रो रहे थे। हर किसी की जुबान पर यही सवाल था आखिर उनके बच्चों की सुरक्षा कब सुनिश्चित होगी?।

पुलिस पर पथराव, कई पुलिसकर्मी व अधिकारी हुए घायल 

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हत्या की खबर फैलते ही मंगलवार सुबह से ही सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए। सुबह 7:30 बजे भट्ठा चौराहे पर जाम लगा दिया गया। ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस की लापरवाही से दीपक की जान गई। दोपहर बाद जब पुलिस फोर्स शव लेकर गांव पहुँची, तो महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने पुलिस पर पथराव कर दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि कई पुलिसकर्मियों को चोटें आईं और कुछ जवान भागते नजर आए।घायल पुलिस कर्मियों में एसपी नार्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, पिपराइच थानाध्यक्ष पुरुषोत्तम आनंद सिंह समेत कई अधिकारी और सिपाही शामिल रहे।

प्रशासन की सख्ती, चौकी इंचार्ज समेत कई निलंबित

लगातार बढ़ते हंगामे और पुलिस पर अविश्वास को देखते हुए शासन ने देर शाम बड़ी कार्रवाई की। एसएसपी ने जंगल धूषण चौकी प्रभारी समेत पूरी चौकी पुलिस को तत्काल निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी। उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक्स पर संवेदना जताते हुए लिखा कि दोषियों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी एक्स पर सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए।

ADG अमिताभ यश पहुंचे गांव

शासन के आदेश पर देर शाम एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश गोरखपुर पहुंचे। पहले उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली, फिर गांव जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि “दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी और परिवार को हर संभव मदद दी जाएगी।

दीपक के अंतिम संस्कार में उमड़ा गांव

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शाम करीब 5 बजे दीपक का अंतिम संस्कार किया गया। पिता दुर्गेश गुप्ता ने कांपते हाथों से बेटे को मुखाग्नि दी। चिता की लपटें उठते ही माहौल और भारी हो गया। सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ बेसुध होकर रोने लगी। कई रिश्तेदार तो चिता के पास गिर पड़े।

तनाव को देखते हुए गांव बना छावनी

स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए देर रात तक गांव में भारी फोर्स और पीएसी तैनात रही। खुद एसएसपी घटनास्थल पर डटे रहे और हालात पर निगरानी रखते रहे।दीपक की मौत ने पूरे गोरखपुर को झकझोर दिया है। एक तरफ परिवार और ग्रामीण गम में डूबे हैं, तो दूसरी तरफ प्रशासन और पुलिस के खिलाफ गुस्सा उबाल पर है। हर कोई यही कह रहा है कि अगर समय रहते पुलिस ने कार्रवाई की होती तो आज दीपक जिंदा होता।

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Gorakhpur Lucknow Crime
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