Advertisment

लखनऊ विश्वविद्यालय में योग पर संगोष्ठी : विशेषज्ञ बोले-योगाभ्यास से ही संभव है संपूर्ण स्वास्थ्य

लखनऊ विश्वविद्यालय में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर "स्वस्थ शरीर के लिए योग" विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता योगाचार्य विवेक सिंह चौहान थे।

author-image
Abhishek Mishra
लखनऊ विश्वविद्यालय में योग पर संगोष्ठी

लखनऊ विश्वविद्यालय में योग पर संगोष्ठी Photograph: (YBN)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन के तत्वावधान में लखनऊ विश्वविद्यालय के योग सभागार में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के उपलक्ष्य में "स्वस्थ शरीर के लिए योग" विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में प्रसिद्ध योगाचार्य विवेक सिंह चौहान ने शिरकत की।

योगाचार्य ने बताया योग का वैज्ञानिक पक्ष

विवेक सिंह चौहान ने कहा कि योग अब केवल पारंपरिक अभ्यास नहीं रहा, बल्कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी इसके लाभों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से स्वीकार कर चुका है। उन्होंने बताया कि कई शोधों व चिकित्सीय अध्ययनों से यह सिद्ध हो चुका है कि योग न केवल रोगों की रोकथाम में सहायक है, बल्कि उपचार में भी इसकी भूमिका अहम है।

योग तनाव हार्मोन को कर है नियंत्रित 

योगाचार्य ने कहा कि नियमित योगाभ्यास से हृदय गति और रक्तचाप संतुलित रहता है। प्राणायाम और ध्यान की विधियों से हृदय की कार्यप्रणाली सुधरती है, जिससे हृदयाघात और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों की आशंका कम होती है। योग तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल को नियंत्रित कर मानसिक समस्याओं जैसे डिप्रेशन, एंग्जायटी और अनिद्रा में राहत देता है। उन्होंने बताया कि आसान और प्राणायाम का नियमित अभ्यास चयापचय को संतुलित करता है, जिससे मोटापा, थायरॉइड और मधुमेह जैसी बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सकता है। योग मस्तिष्क की स्मरण शक्ति, ध्यान और निर्णय क्षमता को भी बेहतर बनाता है।

स्वस्थ भारत की नींव है योग

संगोष्ठी के दौरान फैकल्टी के कॉर्डिनेटर अमरजीत यादव ने कहा कि “स्वस्थ भारत” की संकल्पना को साकार करने के लिए जन-जन को योग के प्रति जागरूक करना आज की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति भी अब योग को कॉम्प्लीमेंट्री थेरेपी के रूप में स्वीकार कर रही है। मेडिकल कॉलेज, अस्पताल और शोध संस्थानों में योग को उपचार और पुनर्वास का अभिन्न अंग बनाया जा रहा है। फैकल्टी कॉर्डिनेटर ने कहा कि योग विज्ञान और परंपरा का संगम है, जो आधुनिक जीवनशैली में सम्पूर्ण स्वास्थ्य का एक सशक्त माध्यम बन चुका है। अंत में उन्होंने सभी को दैनिक जीवन में योग को शामिल करने का आग्रह करते हुए सेमिनार के सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।

Advertisment

यह भी पढ़ें- बिजली कटौती के खिलाफ आम आदमी पार्टी 18 को करेगी प्रदेश व्यापी प्रदर्शन

यह भी पढ़ें- उड़ान भरते ही गोता खाया विमान, दो घंटे तक दहशत में रहे यात्री

यह भी पढ़ें- मोहनलालगंज समेत इन इलाकों में बिजली रहेगी ठप, जानें कितने घंटे बाद आएगी

Advertisment
Advertisment