लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। जो कंपनी गोमती रिवर फ्रंट के घोटाले में प्रमुखता में शामिल थी। उसी कंपनी ने अपने नाम के कुछ अक्षरों में हेराफेरी करके 142 करोड़ के टेंडर हथिया लिये। बावजूद इसके उस कंपनी ने अपना काम समय पूरा नहीं किया।
दरअसल गोमती रिवर फ्रंट घोटाले के संबंध में 2017 में जांच हुई थी, जिसमे करोड़ों का घोटाला पकड़ में आया था। उस समय केके स्पन पाइप प्राइवेट लिमिटेड को प्रमुखता से दोषी पाया गया था, जिसके खिलाफ थाना गोमती नगर में एफआईआर भी दर्ज हुआ था, जिसे बाद में सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया। बाद में सीबीआई और ईडी ने इस कंपनी के खिलाफ चार्जशीट तैयार की। इस दरम्यान मालिकानों ने दागी कंपनी केके स्पन पाइप की जगह के के स्पन इंडिया कर लिया। फलस्वरूप 19 अक्टूबर 2020 को उत्तर प्रदेश जल निगम ने उसे रायबरेली सीवरेज प्रोजेक्ट फेज 3 में 142.2 करोड़ का टेंडर दिया, जिसे दो वर्षों में पूरा किया जाना था, जो अभी तक पूरा नहीं हो सका है।
के के स्पन इंडिया के खिलाफ दर्ज हो एफआईआर
आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में सीबीआई और ईडी द्वारा चार्जशीटेड कंपनी को 142 करोड़ रुपए के टेंडर दिए जाने के मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की है। साथ ही सीएम जल निगम के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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