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Crime News:कलाकारों की भुगतान राशि में हेराफेरी करने वाला इवेंट मैनेजर STF के हत्थे चढ़ा, लारेंस विश्नोई के नाम पर धमकाने का भी आरोप

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने संस्कृति विभाग के कार्यक्रमों में कलाकारों की भुगतान राशि में हेराफेरी करने वाले इवेंट मैनेजर नील विजय सिंह उर्फ शिवेंद्र प्रताप सिंह को लखनऊ से गिरफ्तार किया है।

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Shishir Patel
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इवेंट मैनेजर नील विजय सिंह उर्फ शिवेंद्र प्रताप सिंह गिरफ्तार ।

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता ।उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग में कलाकारों के नाम पर फर्जी बिल लगाकर सरकारी धन की बंदरबांट करने वाले शातिर इवेंट मैनेजर नील विजय सिंह उर्फ शिवेंद्र प्रताप सिंह को एसटीएफ उत्तर प्रदेश ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी न केवल सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी कर रहा था, बल्कि पैसे की मांग पूरी न करने पर कलाकारों को गैंगस्टर लारेंस विश्नोई के नाम पर जान से मारने की धमकी भी देता था। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम नील विजय सिंह उर्फ शिवेंद्र प्रताप सिंह है। यह मूल रूप से कानपुर नगर का रहने वाला है। 

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मामले का खुलासा ऐसे हुआ

एसटीएफ मुख्यालय को एक शिकायती पत्र प्राप्त हुआ जिसमें आरोप था कि भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव के दौरान कलाकारों को मिलने वाली धनराशि में इवेंट मैनेजर द्वारा हेरफेर की गई है। जांच की जिम्मेदारी पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह को सौंपी गई।जांच के दौरान सामने आया कि शिकायतकर्ता को बहराइच में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रस्तुति के लिए 35,000 रुपये देने की बात तय हुई थी, लेकिन इवेंट मैनेजर ने केवल 30,000 रुपये ही दिए। बाद में राजकीय कोषागार, लखनऊ से शिकायतकर्ता के खाते में अचानक 2,41,000 ट्रांसफर हो गए, जिसे लेकर आरोपी ने फोन कर पैसा वापस मांगना शुरू कर दिया।

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धमकी और जबरन वसूली का प्रयास

3 अप्रैल की रात आरोपी अपने भाई, भाभी, माँ और महिला सहयोगी सना उर्फ मोनिका कनौजिया के साथ शिकायतकर्ता के घर पहुंचा और जबरन 2,41,000 वापस करने का दबाव बनाया। न देने पर लारेंस विश्नोई गैंग का नाम लेकर धमकी दी गई।

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बिलों में फर्जीवाड़ा और विभागीय सांठगांठ

पूछताछ में नील विजय सिंह ने बताया कि वह संस्कृति विभाग के सहायक निदेशक राजेश अहिरवार के साथ मिलकर कलाकारों के फर्जी हस्ताक्षर वाले बिल तैयार करता था। ये बिल विभाग से पास करवाकर कलाकारों के खातों में पैसे डलवाता और बाद में उनसे पैसे वापस वसूलता था। इस गोरखधंधे में राजेश अहिरवार को भी कमीशन मिलता था। प्राथमिक साक्ष्यों के आधार पर आरोपी के खिलाफ गोमतीनगर में मुकदमा दर्ज किया गया है।

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