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अयोध्या में दर्दनाक विस्फोट: मासूमों की हंसी की जगह अब गूंज रही चीत्कार , मृतकों की संख्या हुई छह, गांव में शोक की लहर

अयोध्या के हनुमत नगर पगलाभारी गांव में बृहस्पतिवार शाम एक मकान धमाके के साथ ढह गया। इस हादसे में मकान मालिक रामकुमार गुप्त, उनकी तीन बच्चों ईशा, लव, यश और एक मजदूर रामसजीवन की मौत हो गई। पुलिस रसोई गैस या कुकर विस्फोट की संभावना पर जांच कर रही है।

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Shishir Patel
Ayodhya

अयोध्या में दर्दनाक विस्फोट

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। रामनगरी अयोध्या में गुरुवार की शाम, जब सूर्य अस्त हो रहा था और गलियों में बच्चे खेल रहे थे, हनुमत नगर के पगलाभारी गांव में अचानक एक जोरदार धमाके ने सबकुछ तहस-नहस कर दिया। रामकुमार गुप्त उर्फ पारसनाथ का दो मंजिला मकान, जिसमें वे आटा चक्की भी चलाते थे, धमाके की वजह से ढह गया। इस दर्दनाक हादसे में उनकी तीन मासूम संतानें ईशा (10), लव (7) और यश (5) साथ ही रामकुमार और एक मजदूर रामसजीवन की भी जान चली गई।वहीं एक और शुक्रवार की सुबह एक और मौत हो गई। सीएम योगी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवारों के साथ संवेदनाएँ साझा की और दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की भी कामना की।

मकान की ईंटें आसपास के घरों तक जा गिरीं

ग्रामीणों ने बताया कि धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि दूर-दूर तक सुनाई दी। मकान की ईंटें आसपास के घरों तक जा गिरीं और पूरे गांव में अफरातफरी मच गई। घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर, एसपी सिटी चक्रपाणि त्रिपाठी और सीओ अयोध्या पुलिस फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर मलबे से लोगों को निकालने की कोशिश शुरू की। डॉग स्क्वायड और जेसीबी की मदद से मलबा हटाया गया। 

विस्फोट रसोई गैस या पटाखों की वजह से हुआ

जिला प्रशासन ने पुष्टि की कि मलबे में दबे पांचों लोग अब नहीं रहे। अस्पताल में चार मृत घोषित किए गए और सबसे छोटा बच्चा यश वहीं दम तोड़ गया। इस बीच, घटनास्थल से फटा हुआ कुकर और सिलिंडर मिला, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि यह विस्फोट रसोई गैस या पटाखों की वजह से हुआ।

पिछले साल भी रामकुमार के मकान में हुआ था विस्फोट 

यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले साल इसी रामकुमार गुप्त के मकान में विस्फोट हुआ था, जिसमें उनकी मां और पत्नी सहित एक पड़ोसी लड़की की भी जान गई थी। तब भी मकान में पटाखों और घरेलू गैस के संयोजन को हादसे का कारण माना गया था। ग्रामीणों का कहना है कि रामकुमार ने पिछले साल हादसे के बाद मकान गांव के बाहर सड़क किनारे बनाकर रहना शुरू किया, नहीं तो इस बार विस्फोट पूरे गांव के लिए और भी विनाशकारी हो सकता था।

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बच्चों की हंसी सब कुछ एक क्षण में उजड़ गया

रामकुमार का घर, उसकी चक्की, और उनके बच्चों की हंसी सब कुछ एक क्षण में उजड़ गया। इस हादसे ने गांव को गहरा सदमा दिया। ग्रामीण अब भी सकते में हैं और प्रशासन की मौजूदगी के बावजूद उनके चेहरे पर भय और दुःख साफ देखा जा सकता है।पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और विस्फोट के कारणों का पता लगाने के लिए सभी संभावनाओं पर ध्यान दिया जा रहा है।

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