लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।एसटीएफ उत्तर प्रदेश को रियल एस्टेट के नाम पर फर्जीवाड़ा कर सैकड़ों लोगों से ठगी करने वाले अभियुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता मिली है। इसके ऊपर डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज है। यह आकर्षक एवं लुभावने ऑफर दिखाकर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करा देता था। इसे रविवार को मोहनलालगंज के ज्योतिनगर मोड के पास कान्हा उपवन से गिरफ्तार किया गया है।
भोले-भाले व्यक्तियों को बनाता था अपना निशाना
गिरफ्तार अभियुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय उपरोक्त ने पूछताछ में बताया कि मेरे बड़े भाई विनोद कुमार उपाध्याय एवं मेरे पिता द्वारा इन्फ्रा विजन प्रा.लि. कम्पनी स्थापित की गयी है। मैं कम्पनी का अधिकृत व्यक्ति था, हम लोग मिलकर कम्पनी के नाम जमीन खरीदकर कस्टमरों को प्लान बता कर बेचते थे। हम लोगों द्वारा भोले-भाले व्यक्तियों को लक्ष्य बनाकर उन्हें आकर्षक एवं लुभावने ऑफर बताकर प्लॉट खरीदने के लिए प्रेरित किया जाता था। हम लोग अपने आप को प्रतिष्ठित रियल एस्टेट कंपनी का प्रतिनिधि दर्शाते हुए प्लॉट की बिक्री की बात करते थे।
पैसा लेने के बाद फर्जी या विवादित भूमि दिखाकर रजिस्ट्री करवा देते थे
जब लोगों द्वारा बताए गए प्लॉट की रजिस्ट्री करवा ली जाती थी, तो उन्हें बाद में यह ज्ञात होता था कि संबंधित भूमि अस्तित्व में ही नहीं है, अथवा उस पर हम लोगों का कोई वैध स्वामित्व नहीं है। परिणामस्वरूप, पीडितों को न तो भूमि का कब्जा मिल पाता था और न ही निवेश की गई धनराशि मिल पाती थी। धोखाधड़ी उजागर होने के बाद हम लागों द्वारा पीड़ितों को आश्वासन दिया जाता था कि जल्द ही धनराशि वापस कर दी जाएगी। विशेष रूप से अभियुक्त द्वारा ऐसे व्यक्तियों को निशाना बनाया जाता था, जो व्यस्ता के चलते वे केवल एक-दो बार ही भूमि का निरीक्षण कर पाते थे। इसका फायदा उठाते हुए उन्हें कोई भी फर्जी या विवादित भूमि दिखाकर रजिस्ट्री करवा देते थे।
सैकड़ों लोगों को धोखा देकर आर्थिक लाभअर्जित किया
इस तरह अभियुक्तों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से सैकड़ों लोगों को धोखा देकर आर्थिक लाभअर्जित किया है। इसके द्वारा धोखाधड़ी से बेचे गये प्लाटों को से जो धन अर्जित हुआ है उससे जनपद खलीलाबाद, प्रतापगढ़ व रक्सौल स्थानो पर काम्पलेक्स आदि में इन्वेस्ट किया गया है। कम्पनी के निदेशक के सम्बन्ध में बताया कि उसके बड़े भाई विनोद उपाध्याय के अलावा उसके पिता हरिद्वार उपाध्याय कम्पनी के निदेशक थे। लगभग एक वर्ष पूर्व इसके पिता की मृत्यु हो चुकी है परन्तु कम्पनी के वेबसाइट से नाम परिवर्तित नहीं हो पाया है। जब इसे पता चला कि इसके विरुद्ध प्लाट खरीदने वाले लोगों द्वारा इसके व इसके भाई के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है तबसे यह गिरफ्तारी से बचने के लिए लुकछिप कर रह रहा था एवं आशियाना में स्थापित कार्यालय को बंद कर दिया था तथा कान्हा उपवन स्थित कार्यालय को भी पहले ही बंद कर दिया था। यहाँ से सब कुछ समेटने के बाद चोरी छिपे देश के बाहर भागने वाला था। अन्य तथ्यों के सम्बन्ध में छानबीन की जा रही है। गिरफ्तार अभियुक्त को थाना थाना मोहनलालगंज, लखनऊ में पंजीकृत अभियोगों में दाखिल किया गया है। अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जायेगी।
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