लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।राजधानी की थाना निगोहा पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन की नकली बिक्री का खुलासा करते से पुलिस ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पैसे की लालच में जमीन ठगी गैंग में शामिल हो गए थे।
अभियुक्तों के खिलाफ 13 मई को दर्ज कराई गई शिकायत
डीसीपी अपराध कमलेश दीक्षित ने बताया कि यह प्रकरण 13 मई को प्रकाश में आया जब वादी चंद्रकिशोर निवासी सूरजपुर, रायबरेली ने निगोहा थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनके नाम की करीब 1.826 हेक्टेयर भूमि को फर्जी दस्तावेजों के जरिए बेचा जा रहा है। इसी आधार पर थाना निगोहा में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।जिसके त्वरित निस्तारण हेतु मुकदमा उपरोक्त में प्रकाश में आये अभियुक्तो को थानाध्यक्ष अनुज कुमार तिवारी मय हमराहियान के थाना हाजा से रवाना होकर दो अभि०गण क्रमशः महेन्द्र यादव पुत्र चुन्नी लाल यादव निवासी तिलसुआ थाना मलिहाबाद ,सौरभ पटेल पुत्र मुकेश पटेल निवासी खंजानपुर थाना माधवगंज जनपद हरदोई को उनके जुर्म धारा से अवगत कराते हुए आज लखनऊ रायबरेली जाने वाली रोड पर ग्राम भद्दीखेडा सिर्स पर स्थित एक्मे रेजीडेन्सी प्लाट से मुखबिर खास की सूचना पर गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।
जमीन दिलवाने के नाम पर अभियुक्तों ने दिया फर्जी झांसा
घटनाक्रम के बारे में उपरोक्त अभियुक्तों से पूछताछ किया गया तो महेन्द्र यादव उपरोक्त ने बताया कि साहब मै राहुल पाल व रंजीत यादव, सरदार तस्वीर सिंह के साथ मिलकर एक जमीन जो ग्राम पुरहिया थाना निगोहा में स्थित है, जो डा. ईशा त्यागी के प्लाट के पास स्थित है के बारे में पता किया तो पता चला था कि किसान चन्द्रकिशोर उपरोक्त के नाम पर है जो यहां नहीं रहते है, तो राहुल पाल के साथ मिलकर हम लोगों ने प्लान बनाया कि डाक्टर ईशा त्यागी को जमीन की आवश्यकता है। उनसे सरदार जी बात करके उनको विश्वास दिला दिया जाएगा कि उपरोक्त व्यक्ति की जमीन हम आपको दिला सकते है। फिर हम लोगों ने आपस में षडयंत्र करते हुए एक दूसरे की सहायता कर आपस मे दुष्प्रेरण करते हुए।
एक गवाह भी फर्जी इसी तरीके से तैयार किया गया
हम लोगों ने एक व्यक्ति जिसको फर्जी चन्द्रकिशोर नामक व्यक्ति बनाकर उसका आधार पैनकार्ड कूटरचित करवाकर तथा एक गवाह भी फर्जी इसी तरीके से तैयार किया गया। हम लोगों ने इस धोखाधडी प्रकरण में फर्जी व्यक्ति के लिए अपने मित्र सौरभ पटेल से सम्पर्क करके एक व्यक्ति जो चन्द्रकिशोर की जगह खड़ा किया गया तथा उसके नाम का आधार कार्ड व पैन कार्ड कूट रचित बनवाया गया। उस व्यक्ति को सौरभ पटेल द्वारा हम लोगों के साथ घटना के षडयंत्र में शामिल होते हुए दुष्प्रेरण करते हुए फर्जी व्यक्ति को लाया गया जिसका वास्तविक नाम राजेश सिंह पुत्र स्व. कृष्ण बहादुर सिंह निवासी 665 सेक्टर एच एलडीए कालोनी आशियाना किराए का मकान मूल पता जनपद फतेहपुर को चन्द्रकिशोर बनाकर आर्थिक लाभ के उद्देश्य से कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग करते हुए फर्जी रजिस्ट्री डा. ईशा त्यागी के पक्ष में पैसे लेकर करा दी गयी तथा जो पैसा मिला था उसमें से राहुल पाल द्वारा 11,00,000/-(ग्यारह लाख रूपए मात्र) दिये गये थे। जिससे मैं लालच में आ गया था।
हम लोगो से गलती हो गयी हम पैसे के लालच में इस कार्य में शामिल हो गए
सौरभ पटेल से पूछा गया तो बताया कि साहब मै महेन्द्र यादव को पहले से जानता था महेन्द्र यादव ने मुझे पैसो का लालच देकर कहा कि एक काम है तुम एक व्यक्ति को दूसरे के नाम पर खडा करके रजिस्ट्री करानी है। उसका तुमको बारह लाख रूपए दिया जाएगा। महेन्द्र ने ही मुझे राहुल पाल से मिलाया था, मैने ही अपने ही साथ के राजेश सिंह उपरोक्त को फर्जी चन्द्रकिशोर बनने हेतु तैयार किया। हम लोगों आपस में एक राय होकर आर्थिक लाभ के उद्देश्य की पुर्ति हेतु कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग/दुष्प्रेरण करते हुए राजेश सिंह उपरोक्त को मूल किसान फर्जी चन्द्रकिशोर बनाकर डा. ईशा त्यागी से मिलवाया गया था तथा उनको यह विश्वास दिलाया गया कि यह व्यक्ति वास्तविक चन्द्रकिशोर है तथा इसे पैसों की जरूरत है।इसलिए यह जमीन बेचना चाह रहा है। हम लोगो से गलती हो गयी हम पैसे के लालच में इस कार्य में शामिल हो गए तथा मेरा मित्र राजेश भी पैसो के लालच में फर्जी चन्द्रकिशोर बनकर इस कार्य में शामिल हो गया। डा० ईशा त्यागी को धोखे में रखकर यह कार्य किया गया, अभियुक्तगण द्वारा अपना जुर्म स्वीकार किया गया।
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