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कांग्रेस का नया मास्टर स्ट्रोक, गली-मोहल्ला पॉलिटिक्स Photograph: (Google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी में अपना राजनीतिक वजूद बनाए रखने के लिए सपा का साथ कांग्रेस की मजबूरी जरूर है लेकिन वह अपने स्तर पर भी चुनावी मुद्दे गढ़ने में जुट गई है। शनिवार को पार्टी नेताओं ने स्पष्ट संकेत दिए कि वोट चोर गद्दी छोड़ 2027 के चुनाव में भी उनका मुख्य मुद्दा रहेगा। कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने इसके लिए प्रदेश स्तर पर अभियान चलाया था और शनिवार को राज्य के 1795370 लोगों से हस्ताक्षर कराकर उसे ट्रक से दिल्ली मुख्यालय भेजा। हालांकि यह मुद्दा कितना असरदार होगा, यह देखने की बात होगी। हालांकि इसके साथ ही कांग्रेस ने प्रदेश में गली-मोहल्ला पालिटिक्स पर भी ध्यान केंद्रित किया है और पदाधिकारियों की बड़ी फौज बनाने जा रही है, जो 2027 में उसके सिपहसालार होंगे।
वोट चोरी के साथ ही किसी और बड़े मुद्दे की तलाश में कांग्रेस
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में छह सीटें जरूर हासिल की हैं लेकिन राज्य की राजनीति में अभी भी उसे अपने वजूद की तलाश है। 2022 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो उसका वोट प्रतिशत 2.33 ही रह गया है और अब उसकी कोशिश येन-केन प्रकारेण अपना जनाधार बढ़ाने की है। अजय राय को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाने और अविनाश पांडेय को प्रभारी बनाने से संगठन में कुछ जान आई है लेकिन उसकी कोशिश किसी बड़े मुद्दे की तलाश भी है। 2024 के लोकसभा चुनाव में संविधान बचाओ ने कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम जरूर किया था, लेकिन यह अब धुंधला पड़ गया है। फिलहाल तो पार्टी ने वोट चोर, गद्दी छोड़ पर ही ध्यान केंद्रित किया है। पार्टी के लिए इस बीच दो बड़ी बातें हुई हैं। पहली तो यह कि अरसे बाद कांग्रेस में वोट चोरी जैसे मुद्दे को लेकर प्रदेश स्तर का कोई सामूहिक अभियान चलाया गया। दूसरी यह कि एमएलसी चुनाव पार्टी ने सपा से अलग होकर लड़ने का फैसला किया है। यह दोनों बातें पार्टी में बढ़ते आत्मविश्वास का प्रतीक है।
पांच स्तरीय प्रणाली अपनाकर नियुक्त किए जाएंगे कांग्रेसी
कार्यकर्ताओं से जमीनी स्तर पर जुड़ने की एक बड़ी कार्ययोजना भी तैयार हुई है। इस कार्ययोजना के तहत कांग्रेस कांग्रेस मोहल्ला स्तर पर राजनीतिक आधार मजबूत करने में जुटेगी। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय के अनुसार कार्ययोजना में पांच स्तरीय प्रणाली के तहत काम किया जाएगा। यह पांच स्तर राज्य, जिला, ब्लाक, मंडल और बूथ के रूप में हैं। इन सभी पर पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। स्थानीय स्तर पर पार्टी नेताओं को उभारकर स्थानीय मुद्दों पर ही संघर्ष के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि एक अलग छवि सामने आ सके। दिसंबर के महीने तक पूरे प्रदेश में 19.28 लाख पदाधिकारियों को नियुक्त करने की योजना है। इसके पीछे का उद्देश्य यह है कि सपा से गठबंधन के बावजूद कांग्रेस अपनी सीटों पर अपने बूते लड़ती दिखाई दे। पिछले चुनाव तक तो हाल यह था कि कई जगह बूथों पर कार्यकर्ताओं तक का अकाल पड़ गया था।
हर कार्यक्रम में दिखाई देगा पार्टी का संगठित चेहरा
कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष अजय राय राज्य सरकार का विरोध करने में मुखर रहे हैं लेकिन अब बड़े मामलों पर बड़े नेता संगठित रूप से आवाज बुलंद करेंगे। शनिवार को ही कांग्रेस ने प्रेस कान्फ्रेंस बुलाई तो उसमें आराधना मिश्र ‘मोना’ के साथ ही सांसद उज्जवल रमण सिंह, किशोरी लाल शर्मा, वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया भी मौजूद रहे। सीतापुर में 7 सितंबर को हुई वोट चोर गद्दी छोड़ रैली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति रही थी।
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