लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा संचालित अरबी, फारसी की मुंशी/मौलवी (सेकेण्डरी) व आलिम (सीनियर सेकेण्डरी) की वर्ष 2025 की बोर्ड परीक्षा का परिणाम आज घोषित कर दिया गया। इस वर्ष कुल मिलाकर 87.66 प्रतिशत परीक्षार्थी सफल हुए हैं, जो अल्पसंख्यक शिक्षा के क्षेत्र में एक उत्साहजनक उपलब्धि है।
19 हज़ार परीक्षार्थियों ने छोड़ी परीक्षा
परीक्षा बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 की बोर्ड परीक्षा में कुल 88,082 छात्र-छात्राओं ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 68,423 परीक्षार्थी वास्तव में परीक्षा में शामिल हुए। सम्मिलित परीक्षार्थियों में 33,869 छात्र और 34,554 छात्राएं थीं, जो लैंगिक संतुलन की दृष्टि से एक सकारात्मक संकेत है।
आलिम में 95 फीसद सफलता हुई प्राप्त
परीक्षा परिणामों की विस्तृत जानकारी के अनुसार, मुंशी/मौलवी (सेकेण्डरी) की परीक्षा में 42,439 छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण हुए हैं, जबकि आलिम (सीनियर सेकेण्डरी) में 17,544 परीक्षार्थी सफल रहे। विशेष रूप से उल्लेखनीय यह है कि मुंशी/मौलवी में 85.07 प्रतिशत और आलिम में 94.62 प्रतिशत की उच्च सफलता दर प्राप्त हुई है।
प्रदेश और देश का नाम रौशन करेंगे छात्र
परीक्षा परिणाम की घोषणा के साथ ही राज्य सरकार ने सफल छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि यह उम्मीद की जाती है कि ये छात्र अपनी आगे की पढ़ाई निरंतर जारी रखते हुए अपने परिवार, माता-पिता, शिक्षकों, प्रदेश और देश का नाम रोशन करेंगे।
पीएम मोदी के नारे ने बढ़ाया मनोबल
मंत्री ने कहा कि सरकार की मूल नीति "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के साथ सबका प्रयास" के तहत अल्पसंख्यक शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के "एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कम्प्यूटर" के संदेश ने अल्पसंख्यक समुदाय में नया मनोबल, चेतना और विश्वास का संचार किया है।
ऑनलाइन संचालित हो रही कार्यवाही
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार लगातार अल्पसंख्यकों के हित में काम कर रही है। शिक्षा को समाज के विकास की सबसे बुनियादी आवश्यकता मानते हुए, सरकार मदरसा शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए संजीदगी से प्रयासरत है। केंद्र और राज्य सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि मदरसों में पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी पूरे वैज्ञानिक तरीके से प्रदान की जाए, ताकि मदरसा के छात्र मुख्यधारा में शामिल हो सकें। इस दिशा में मदरसा पोर्टल का निर्माण कर व्यवस्थाओं में पारदर्शिता लाई गई है और परीक्षा की समस्त कार्यवाही को ऑनलाइन संचालित किया जा रहा है। यह परीक्षा परिणाम सरकार की "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के साथ सबका प्रयास" की नीति को धरातल पर उतारने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और अल्पसंख्यक शिक्षा के उत्थान में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
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