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UP News : नगर पंचायतों को 1 करोड़ तक के काम करने की छूट

अब प्रदेश की नगर पंचायतें 1 करोड़ और नगर पालिका परिषदें 2 करोड़ रुपये के निर्माण एवं अन्य विकास कार्य करने की अनुमति प्रदान की है। जबकि अभी तक उन्हें केवल 40 लाख रुपये तक के कार्य कराने की ही अनुमति थी।

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Deepak Yadav
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नगरीय निकायों को 1 करोड़ तक के काम करने की छूट Photograph: (social media)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।  नगर विकास विभाग ने प्रदेश के नगरीय निकायों को और अधिक वित्तीय व प्रशासनि छूट देने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। नगर विकास विभाग ने वर्ष 2021 में जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में व्यापक संशोधन करते हुए संचालन प्रक्रिया को अधिक सरल और जवाबदेह बनाया है। इसके तहत अब नगर पंचायतों को 1 करोड़ और पालिका परिषदों को 2 करोड़ रुपये तक के कार्य स्वयं करने की छूट होगी। साथ ही नगरीय निकायों द्वारा करवाये जाने वाले निर्माण कार्यों में होने वाली गड़बड़ी या गुणवत्ता में कमी के लिए पचास-पचास प्रतिशत राशि संबंधित ठेकेदार और प्रशासनिक अधिकारी से वसूलने का भी प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त नगरीय निकायों की विकास प्रक्रिया को तेज करने के लिये नई तकनीकि के इस्तेमाल पर भी जोर दिया जाएगा।

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नगर पालिका परिषद को दो करोड़ के काम की छूट

प्रदेश के नगर विकास विभाग ने 74वें संविधान संशोधन के मुताबिक, नगरीय निकायों को अधिक वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वायत्ता प्रदान की है। नगर विकास विभाग ने 2021 में जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में जरूरी बदलावों को मंजूरी दी है। इसके तहत विभाग ने बाजार दरों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए नगरीय निकायों की वित्तीय सीमा को पुनः निर्धारित किया है। जिसके अनुसार अब प्रदेश की नगर पंचायतें 1 करोड़ और नगर पालिका परिषदें 2 करोड़ रुपये के निर्माण एवं अन्य विकास कार्य करने की अनुमति प्रदान की है। जबकि अभी तक उन्हें केवल 40 लाख रुपये तक के कार्य कराने की ही अनुमति थी। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि एसओपी में संशोधन से स्थानीय नगरीय निकायों को न केवल वित्तीय स्वायत्तता मिलेगी, बल्कि विकास कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। यह नगरीय प्रशासन को जनहित में अधिक प्रभावी बनाएगा।

गुणवत्ता में कमी पर ठेकेदार होंगे जिम्मेदार

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नगर विकास विभाग ने नगरीय निकायों के निर्माण एवं विकास कार्यों में गड़बड़ी या गुणवत्ता में कमी के लिए संबंधित ठेकेदार, अभियंता और प्रशासनिक अधिकारी की जवाबदेही को नये सिरे से तय किया है। एसओपी में किए गए प्रमुख संशोधन के अनुसार, किसी भी निर्माण या विकास कार्य में गुणवत्ता की कमी या मापन में त्रुटि के कारण यदि अतिरिक्त भुगतान होता है, तो उसकी वसूली संबंधित ठेकेदार से 50 प्रतिशत और शेष 50 प्रतिशत राशि अभियंता एवं प्रशासनिक अधिकारियों से वसूल की जाएगी।

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