लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण (PuVVNL-dvvnl Privatisation) के खिलाफ रविवार को राजधानी में महापंचायत होगी। इसमें प्रदेश भर से बिजली कर्मचारियों समेत किसान, शिक्षक, वकील, उपभोक्ता और कई संगठनों के पदाधिकारी शामिल होंगे। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर होने वाली महापंचायत में निजीकरण में भ्रष्टाचार का खुलासा और आगामी आंदोलन का बिगुल बजेगा।
आंदोलन का मुख्य प्रस्ताव होगा पारित
समिति के पदाधिकारियों संजय सिंह चौहान, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय ने बताया कि 22 जून को लखनऊ में हो रही बिजली महापंचायत अपने आप में अनूठी है। इसमें बिजली के सभी हित धारक एक साथ मौजूद रहेंगे। पदाधिकारियों ने कहा कि निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मी सात महीने से संघर्ष कर रहे हैं। महापंचायत में आन्दोलन का मुख्य प्रस्ताव महापंचायत में पारित किया जायेगा। निजीकरण के पहले बिजली दरें बेतहाशा बढ़ाने का प्रस्ताव महापंचायत में चर्चा का एक बड़ा एजेंडा होगा।
निजीकरण प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का आरोप
समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि प्रदेश के 42 जिलों की बिजली व्यवस्था निजी हाथों में देने के पीछे बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है। इसका खुलासा महापंचायत में किया जायेगा। पावर कारपोरेशन के भेजे गये निजीकरण के प्रस्ताव को नियामक आयोग के वापस भेजे जाने से भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि हो गयी है। महापंचायत में झूठे आंकड़ों के आधार पर बिजली कंपनियों के निजीकरण की निंदा की जायेगी।
महापंचायत में ऊर्जा मंत्री को भी निमंत्रण
महापंचायत में बिजली कर्मचारी, उपभोक्ता और किसान निजीकरण के विरोध में अपनी बात रखेंगे। ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा, ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेन्द्र तोमर, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नरेन्द्र भूषण, पावर कारपोरेशन अध्यक्ष आशीष गोयल और प्रबन्धन निदेशक पंकज कुमार को महापंचायत का निमंत्रण भेजा गया है। ताकि वे भी खुले मंच से ही निजीकरण के विरोध में उठ रहे सवालों का जवाब दें।
यह भी पढ़ें- निजीकरण से पहले खुला वित्तीय खामियों का पिटारा, आयोग ने सरकार भेजी रिपोर्ट, पावर कारपोरेशन में हड़कंप
इतनी गोलियां मारूंगा कोई पहचान नहीं पाएगा : पत्रकार और BJP विधायक शलभमणि को धमकी, केस दर्ज
तबादलों में भ्रष्टाचार पर गरमाई सियायत : Mayawati ने कहा- मुख्यमंत्री SIT और विजिलेंस से कराएं जांच
DM-CMO विवाद : Akhilesh Yadav ने निलंबित सीएमओ को बताया ईमानदार, BJP पर साधा निशाना
ऊर्जा मंत्री रात में अचानक पहुंचे 1912 हेल्पलाइन, एसी में कर्मचारियों के छूटे पसीने