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(दाएं)मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का फाइल फोटो। Photograph: (सोशल मीडिया)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। बिहार में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची का गहन परीक्षण करने का फैसला किया है। उसके इस फैसले को लेकर तमाम सियासी दलों ने अपने-अपने तरीके से सवाल उठाए हैं, खासकर विपक्ष ने। राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने इशारों इशारों में चुनाव आयोग को पारदर्शिता से काम करने की नसीहत भी दे डाली है।
पूरी पारदर्शिता के साथ हो रहा काम
इस बीच, फिरोजाबाद में एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सियासी हमलों पर कहा कि कानून के अनुसार हर चुनाव से पहले मतदाता सूची को अपडेट करना आवश्यक होता है। लगभग हर राजनीतिक दल ने मतदाता सूची के अशुद्ध होने संबंधी शिकायत की थी और कहा था कि मतदाता सूची को शुद्ध करना है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार बिहार में जुलाई से अगस्त के बीच मतगणना फॉर्म बांटे जाएंगे और वापस भी लिए जाएंगे। सभी राजनीतिक पार्टियां इसमें समर्थन कर रही हैं, मतगणना सूची सभी लोगों के सामने पूरी पारदर्शिता के साथ बनाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि मतगणना सूची को लेकर एक लाख से अधिक बूथ-स्तरीय अधिकारी काम कर रहे हैं और पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने करीब डेढ़ लाख से ज्यादा बूथ लेवल एजेंट नामित किए हैं। उन्होंने कहा कि हर पात्र नागरिक मतदाता सूची का हिस्सा होगा और कोई भी अपात्र व्यक्ति इसमें स्थान नहीं बना पाएगा।
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