Advertisment

UP News : 4 मेडिकल कॉलेजों के आरक्षण संबंधी शासनादेश रद्, नए सिरे से सीटें भरने का आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कन्नौज, सहारनपुर ,अंबेडकर नगर, जालौन के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नीट2025 परीक्षा के तहत हुए दाखिलों के शासनादेशों को रद्द कर दिए। कोर्ट ने कहा कि आरक्षण अधिनियम, 2006 का अनुपालन करते हुए, नए सिरे से सीटें भरी जाएं।

author-image
Vivek Srivastav
31 aug 2

प्रतीकात्‍मक Photograph: (सोशल मीडिया)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक अहम निर्णय देते हुए अम्बेडकरनगर, कन्नौज, जालौन व सहारनपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के संबंध में पारित शासनादेशों को रद् कर दिया है। न्यायालय ने पाया कि उक्त शासनादेशों के जरिए आरक्षित वर्ग के लिए 79 प्रतिशत से अधिक सीटें सुरक्षित की गई हैं। राज्य सरकार की ओर से अनुरोध किया गया कि उक्त मेडिकल कॉलेजों में सीटें वर्तमान फार्मूले के अनुसार भरी जा चुकी हैं, हालांकि न्यायालय इससे संतुष्ट नहीं हुआ और आदेश दिया कि उक्त कॉलेजों में आरक्षण अधिनियम, 2006 का सख्ती से अनुपालन करते हुए, नए सिरे से सीटें भरी जाएं।

सिर्फ 7-7 सीटें अनारक्षित श्रेणी के लिए रखी गईं 

यह निर्णय न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने नीट अभ्यर्थी साबरा अहमद की याचिका पर पारित किया है। याची की ओर से अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने दलील दी कि याची ने नीट-2025 की परीक्षा दी है, जिसमें उसे 523 मार्क्स मिले तथा उसकी ऑल इंडिया रैंक 29061 रही। याची की ओर से कहा गया कि शासनादेशों 20 जनवरी 2010, 21 फरवरी 2011, 13 जुलाई 2011, 19 जुलाई 2012, 17 जुलाई 2013 व 13 जून 2015 के द्वारा उक्त मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 79 प्रतिशत से ज्यादा कर दी गई, जो स्पष्ट तौर पर 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक आरक्षण न होने संबंधी स्थापित सिद्धांत के विपरीत है। साथ ही कहा गया कि उक्त मेडिकल कॉलेजों में राज्य सरकार के कोटे की कुल 85-85 सीटें हैं, जबकि सिर्फ 7-7 सीटें अनारक्षित श्रेणी के लिए रखी गई हैं। 
वहीं, याचिका का राज्य सरकार व महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा व ट्रेनिंग की ओर से विरोध किया गया। महानिदेशक की ओर से दलील दी गई कि इंदिरा साहनी मामले में शीर्ष अदालत यह स्पष्ट कर चुकी है कि 50 प्रतिशत की सीमा अंतिम नहीं है, इससे अधिक आरक्षण दिया जा सकता है। हालांकि न्यायालय इस दलील से सहमत नहीं हुआ और कहा कि उक्त सीमा सिर्फ नियमों का पालन करते हुए, बढ़ाई जा सकती है।

यह भी पढ़ें- दिल्ली में AIDA का 'सचिवालय', यूपी के 42 जिलों की बिजली निजी हाथों में सौंपने की बन रही रणनीति

यह भी पढ़ें- नटकुर में 15 दिनों से लटक रही एबीसी लाइन, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

Advertisment

यह भी पढ़ें- UPSSSC PET 2025 : 48 जिलों में 1497 केंद्रों पर होगी पीईटी परीक्षा, यहां जानें किस शहर में है आपका सेंटर

High Court | Allahabad High Court | Allahabad High Court hearing | latest up news | up news | UP news 2025 | up news hindi 

Allahabad High Court hearing UP news 2025 up news hindi Allahabad High Court High Court latest up news up news
Advertisment
Advertisment