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बसपा सुप्रीमो मायावती। Photograph: (साेशल मीडिया)
लखनऊ, उत्तर प्रदेश | प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ही राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं। सभी राजनीतिक दल खुद को और अधिक मजबूत करने में लग गए हैं। इस बीच, बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एक बार फिर खुद को दलितों व अन्य उपेक्षित वर्ग का सच्चा नेतृत्वकर्ता बताते हुए अन्य दलों, खासकर आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर जोरदार हमला बोला है। गौरतलब है कि पिछले दिनों ही लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान चंद्रशेखर आजाद ने दलितों व पिछड़ों को अपनी ओर लुभाने का प्रयास किया था। मायावती ने इशारों-इशारों में चंद्रशेखर आजाद को अवसरवादी और स्वार्थी नेता तक कह दिया।
बसपा को कमजोर करने में जुटी पार्टियां
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि बसपा देश की एकमात्र ऐसी पार्टी है जो डॉ. भीमराव आम्बेडकर के आंदोलन को आगे बढ़ाती है और दलितों व अन्य उपेक्षित वर्गों के कल्याण के सिद्धांतों पर कार्य करती है। जब से बसपा नेताओं ने सांसद या विधायक के रूप में कार्य किया है या जब बसपा ने उत्तर प्रदेश में सरकार बनाई है, तभी से केंद्र और राज्य की सत्ता पक्ष व विपक्ष की पार्टियों ने बसपा को कमजोर करने के लिए हर तरह की रणनीति अपनाई है।
पर्दे के पीछे से दूसरी पार्टियां बनाईं
बसपा मुखिया ने कहा, 'सत्तारूढ़ और विपक्ष की जातिवादी पार्टियों ने दलितों और अन्य उपेक्षित वर्गों में से कुछ अवसरवादी व स्वार्थी लोगों को प्रभावित कर पर्दे के पीछे से अन्य पार्टियों का गठन कर लिया है। ये पार्टियां उत्तर प्रदेश सहित उन राज्यों में, जहां बसपा का जनाधार है, दलितों एवं उपेक्षित वर्गों को गुमराह कर उनके वोटों को बांटने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाती हैं। ऐसी पार्टियों और संगठनों का डॉ. भीमराव आम्बेडकर व बसपा संस्थापक कांशीराम के आंदोलनों से कोई लेना-देना नहीं है। देशभर की जातिवादी पार्टियां, विशेषकर उत्तर प्रदेश की, बसपा की तरक्की को पचा नहीं पा रही हैं।'
दलितों व उपेक्षित वर्ग को गुमराह करने का आरोप लगाया
मायावती( mayawati) ने कहा, 'ये अवसरवादी और स्वार्थी संगठन, जो जातिवादी पार्टियों के इशारों पर काम कर रहे हैं, एक सुनियोजित साजिश के तहत भोलेभाले बसपा कार्यकर्ताओं को गुमराह कर रहे हैं। ये संगठन बसपा के लोगों को अपनी बैठकों व कार्यक्रमों में बुलाते हैं और कांशीराम जी का नाम, यहां तक कि मेरा भी नाम लेकर कहते हैं कि वे हमारे मिशन को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं... अगर उनकी बातों में रत्ती भर भी सच्चाई होती, तो वे विपक्षी पार्टियों से नहीं जुड़ते। इसके बजाए वे बसपा को मजबूत करने के लिए उसका समर्थन करते और उससे जुड़ते... दलितों और उपेक्षित वर्गों को इन जातिवादी पार्टियों से सतर्क रहना होगा, ताकि वे बसपा को देश से कमजोर या खत्म करने में सफल न हो सकें।'
देश में सभी चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाएं
बसपा प्रमुख(bsp chief mayavati) ने कहा, 'ये जातिवादी पार्टियां बसपा उम्मीदवारों को चुनाव जीतने से रोकने के लिए ईवीएम तक से छेड़छाड़ कर रही हैं। हमारी पार्टी भी कई अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ यह मांग करती है कि देश में सभी चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाएं। हालांकि मौजूदा सरकार के रहते यह संभव नहीं दिखता, लेकिन सत्ता परिवर्तन के साथ यह बदलाव जरूर आएगा, ऐसी हमें उम्मीद है। हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं को इस संभावना को लेकर निराश नहीं होना चाहिए। देश के मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए, ईवीएम प्रणाली कभी भी बदली जा सकती है और जब फिर से बैलेट पेपर का इस्तेमाल होगा, तो बसपा के अच्छे दिन भी जरूर लौटेंगे।'
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