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प्रतीकात्मक Photograph: (सोशल मीडिया)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1984-85 की कानपुर विकास प्राधिकरण की इस्पात नगर औद्योगिक प्लाट योजना के तहत आवंटित प्लाट पर स्वीकृत पांच वर्ष की अवधि में निर्माण करने में विफल रहने पर नॉन कंस्ट्रक्शन चार्ज की मांग को वैध करार दिया है। साथ ही याची कंपनी गौरव इंटरप्राइजेज कुली बाजार कानपुर नगर के प्रोपराइटर प्रदीप कुमार जैन को तीन हफ्ते में नॉन कंस्ट्रक्शन चार्ज जमा करने पर प्राधिकरण को छह हफ्ते में निर्माण अवधि बढाने का आदेश दिया है, ताकि याची निर्माण पूरा कर सके।
याची अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकता
कोर्ट(Allahabad High Court) ने कहा कि अनापत्ति न मिलने व लोन स्वीकृत न होने से धन की कमी के आधार पर याची अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकता। यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति नंद प्रभा शुक्ला की खंडपीठ ने प्रदीप कुमार जैन की याचिका पर कानपुर विकास प्राधिकरण की डिमांड नोटिस पर हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए दिया है।
याचिका पर केडीए के अधिवक्ता सत्य व्रत सहाय ने पक्ष रखा। याची का कहना था कि विकास प्राधिकरण ने प्लाट का कब्जा देने व लीज डीड पंजीकृत कराने में देरी की। अपनी लापरवाही के लिए वह याची को दोषी नहीं मान सकता। प्राधिकरण ने 2 जुलाई 2025 की नोटिस से 20,45,030 रूपए व 22अप्रैल 2025 की नोटिस से 17,53,187 रूपए नॉन कंस्ट्रक्शन चार्ज जमा करने का आदेश दिया था। याचिका में इसकी वैधता को चुनौती दी गई थी।
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