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UP News: आपदा प्रबंधन को और अधिक पुख्ता करने की तैयारी में योगी सरकार

प्रत्येक जिले में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के लिए भवन निर्माण की तैयारी। आपदा प्रबंधन में लचीलापन लाने के लिए कोष के विभिन्न मदों के बीच बजट को आपस में बदलने का प्रस्ताव।

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Vivek Srivastav
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प्रतीकात्‍मक Photograph: (सोशल मीडिया)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार आपदा से निपटने की रणनीति को और प्रभावी बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। सरकार ने हाल ही में 16वीं वित्त आयोग के सामने आपदा प्रबंधन को और मजबूत करने के लिए कई अहम प्रस्ताव रखे हैं। राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीएमएफ) के नियमों में भी कई बदलाव के प्रस्ताव शामिल हैं, ताकि आपदा प्रभावित लोगों को तुरंत और बेहतर सहायता प्रदान की जा सके।

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इन आपदाओं को राष्ट्रीय आपदा सूची में शामिल करने की मांग

सरकार की ओर से रखे गये प्रस्तावों में राज्य द्वारा अधिसूचित आपदाओं, जैसे गर्मी की लहर (लू), वज्रपात, असमय बारिश, तूफान, सांप के काटने और डूबने जैसी घटनाओं को राष्ट्रीय आपदा सूची में शामिल करने की बात कही है। योगी सरकार का मानना है कि ये आपदाएं राज्य में बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए, वर्ष 2024-25 में राज्य अधिसूचित आपदाओं से 4,534 लोगों की मृत्यु हुई, जबकि राष्ट्रीय आपदाओं से केवल 176 लोगों की जान गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दिशा में सक्रियता दिखाते हुए केंद्र सरकार से इन आपदाओं को गंभीरता से लेने की अपील की है।

विभिन्न मदों के बीच बजट को आपस में बदलने की मांग

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इसके अलावा, सरकार ने राज्य अधिसूचित आपदाओं के लिए खर्च की सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने की मांग की है। यह बदलाव इसलिए जरूरी है क्योंकि राज्य की आपदाएं अधिक लोगों को प्रभावित करती हैं और इनके लिए पर्याप्त संसाधनों की जरूरत होती है। योगी सरकार ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि कोष के विभिन्न मदों के बीच बजट को आपस में बदला जा सके। इससे अगर किसी एक मद में खर्च न हो, तो उसका उपयोग दूसरी जरूरतों के लिए किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री योगी के इस प्रयास से आपदा प्रबंधन में लचीलापन आएगा और संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा।

डीडीएमए के लिए भवन निर्माण की मिले अनुमति

योगी सरकार( yogi government) ने एक और महत्वपूर्ण मांग रखी है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत प्रत्येक जिले में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के लिए भवन निर्माण की अनुमति दी जाए। वर्तमान में एसडीआरएफ और एसडीएमएफ के नियम इसकी अनुमति नहीं देते। इसके साथ ही, सरकार ने 1 प्रतिशत प्रशासनिक खर्च की अनुमति देने की भी मांग की है, ताकि आपदा प्रबंधन के लिए बेहतर प्रशासनिक ढांचा तैयार किया जा सके। इन मांगों के पीछे योगी आदित्यनाथ की वह सोच है, जो आपदा प्रबंधन को और अधिक कुशल और जन-केंद्रित बनाने पर केंद्रित है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(CM Yogi Adityanath) के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कई सराहनीय कदम उठाए हैं। उनकी सक्रियता और दूरदर्शिता से राज्य में आपदा से निपटने की तैयारियां पहले से कहीं अधिक मजबूत हुई हैं। इन नई मांगों के लागू होने से उत्तर प्रदेश न केवल आपदा प्रबंधन में अग्रणी बन सकता है, बल्कि लाखों लोगों की जान और माल की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

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